नई दिल्ली:
हमारे लिए क्या महत्वपूर्ण है धार्मिक झंडा या देश का झंडा? देश पहले है या हम? अगर इन सवालों के जवाब को गहराई से अपने दिल में उतार लिया जाए तो दो दिलों के बीच कभी नफरत की चिंगारी नहीं भड़केगी। कोई तीसरा हमारे देशप्रेम और भाईचारे के माहौल में जहर घोलने की हिम्मत नहीं करेगा। ‘मैं रहूं या ना रहूं, भारत ये रहना चाहिए’ जैसे गीतों के जरिए भी तो यही संदेश दिया गया है। तो फिर राजस्थान के जोधपुर में वो कौन लोग हैं, जिन्होंने ईद के मुकद्दस मौके और अक्षय तृतीया के पावन पर्व के दिन सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश की है। पथराव किया गया, नफरत भरी बातें कही गईं, पूरी रात जमकर बवाल हुआ। दिन में भी हंगामा किया गया। आज सुबह जब लोग एक दूसरे को ईद मुबारक कह रहे हैं तो हमारे देश का एक हिस्सा खौफ और टेंशन में क्यों है? इंटरनेट को बंद करना पड़ा है जिससे अफवाह फैलाकर चंद लोग अपनी साजिश में कामयाब न होने पाएं। सुरक्षाबल मुस्तैद हैं। शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है। लेकिन शांति कायम करने की कोशिश में लगे पुलिसकर्मियों पर पथराव करने वाले जोधपुर के उन चंद लोगों को आज के दिन की ये दो तस्वीरें जरूर देखनी चाहिए।