..गंगोलीहाट (पिथौरागढ़)..
गंगोलीहाट के एक गांव में एक और गुफा मिली है। इस गुफा को गाय-बकरी चराने वाले कुछ ग्रामीणों ने खोजा है। लगभग 100 मीटर लंबी इस गुफा का नाम लटेश्वर गुफा रखा गया है।
गंगोलीहाट के लाली गांव के पास वर्षों से एक छोटा सा उडियार (गुफा) था। कुछ दिन पूर्व जंगल मेें मवेशी चरा रहे युवा गौरव पंत, दीपांशु पंत अपने साथियों राहुल पंत, आशी पंत और अन्य के साथ उडियार के भीतर गए। मोबाइल की रोशनी में जब वह आगे बढ़े तो उन्हें भीतर शिवलिंग सहित अनेक प्रकार की प्राकृतिक कलाकृतियां बनीं दिखीं। युवाओं ने बताया कि गुफा लगभग 100 मीटर लंबी है। गुफा में जगह-जगह पानी टपकता है। लाली गांव के युवाओं ने गुफा को लटेश्वर नाम दिया है। गुफा मिलने की जानकारी के बाद लोग उत्सुकतावश लाली के जंगल जा रहे हैं।
गुफा तक कैसे पहुंचें
गुफा देखने गए सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि गंगोलीहाट मुख्यालय से दो किलोमीटर सड़क मार्ग से लाली गांव पहुंचें। यहां से नीचे की ओर जंगल में 400 मीटर पैदल चलकर गुफा के पास पहुंचा जा सकता है।
गंगोलीहाट में हैं दर्जनों गुफाएं
गंगोलीहाट को गुफाओं की घाटी कहा जाता है। यहां अब तक दर्जनों गुफाएं मिल चुकी हैं। पाताल भुवनेश्वर के अलावा कोटेश्वर, शैलेश्वर, भोलेश्वर, भुवनेश्वर, वाणेश्वर गुफा सहित अन्य गुफाओं में धार्मिक अवसरों पर लोग पूजा-अर्चना के लिए जाते हैं।
पिथौरागढ़ से बागेश्वर तक गुफाओं की बेल्ट है। इस क्षेत्र में कई प्राकृतिक गुफाएं हैं। पानी का रिसाव होने से गुफाओं में तमाम तरह की आकृतियां भी उभरी रहती हैं। शीघ्र ही गुफा का निरीक्षण किया जाएगा।