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गर्मियों के मौसमी फलों में से एक तरबूज है। तरबूज की मिठास और ताजगी गर्मी के राहत पहुंचाती है। तरबूज में पानी की मात्रा अधिक होती है, जिससे गर्मियों में डिहाइड्रेशन की समस्या से बचाव होता है। तरबूज का स्वाद काफी अच्छा होता है। स्वाद के साथ ही ये सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। तरबूज का सेवन शरीर में रक्तचाप के संतुलन को नियंत्रित करता है और गर्मियों में लू नहीं लगती। जब आप बाजार में तरबूज लेने जाते हैं तो एक अच्छे तरबूज की पहचान ऊपर से हरे और अंदर से लाल रंग से करते हैं, जो पकने के बाद लाल हो जाता है। कई बार बाजार में तरबूज के ऊपरी हिस्से का रंग अलग अलग होता है। डार्क हरा तरबूज तो कभी हरे तरबूज पर धारियां बनी होती हैं। कभी कभी पीले रंग का तरबूज भी बाजार में देखने को मिल जाता है। ऐसे में अक्सर लोग कंफ्यूज हो जाते हैं कि कौन सा तरबूज लेना चाहिए। ये सभी तरबूज की किस्में होती हैं।
आइए जानते हैं तरबूज की वैरायटी के बारे में, सबसे अच्छे किस्म का तरबूज कौन सा होता है?
शुगर बेबी
तरबूज की वैरायटी में शुगर बेबी का नाम शामिल है। यह 2-3 किलो वजन के होते हैं। इसके बीज छोटे और कत्थई रंग के होते हैं। ये अमेरिका से लाई गई किस्म है। उत्तर भारत में तरबूज की इस वैरायटी ने सबसे ज्यादा लोकप्रियता हासिल की है। इसका छिलका नीले काले रंग का होता है और गूदा लाल मीठा होता है।
तरबूज की अर्का ज्योति किस्म का आकार गोल और हरी धारी युक्त होता है। इसका वजन लगभग 4 से 6 किलो होता है। यह देसी किस्म है, इसका गूदा चमकीले लाल रंग का होता है। इसका खाने योग्य गूदा अन्य किस्मों की तुलना में अधिक होता है।
दुर्गापुर केसर
दुर्गापुर केसर भी तरबूज की एक वैरायटी है, इसका वजन 6 से 8 किलो होता है। ये फल हरे रंग का धारीदार होता है, जिसका गूदा रवेदार स्वादिष्ट होता है। गूदे का रंग केसरी होता है। इसकी मिठास 10 फीसदी तक होती है।


आसाही पामाटो
तरबूज की ये वैरायटी जापान से लाई गई है। इस किस्म के तरबूज का वजन 6 से 8 किलो है। इसका छिलका हरे रंग का है, जिस पर मामूली धारी होती गै। फल का आकार मध्यम और गूदा गहरा गुलाबी मीठा होता है।