उत्तराखंड , हरिद्वार
हरिद्वार जिले में कुट्टू के आटे से बनी पूड़ी-पकौड़ी खाने से 126 लोगों की हालत बिगड़ने के बाद देहरादून जिला खाद्य सुरक्षा विभाग भी हरकत में आया है। जिला खाद्य सुरक्षा विभाग ने आज (सोमवार) से सैंपलिंग पर जोर देने का दावा किया है। साथ ही लोगों से अपील की है कि कुट्टू का पैक आटा खरीदें। अगर खुला आटा खरीदते हैं तो इसे पूरी तरह से परख कर ही खरीदें।
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी पीसी जोशी ने बताया कि व्रत में लोग कुट्टू के आटे का उपयोग बड़ी मात्रा में करते हैं। खुले आटे के इस्तेमाल की अवधि अधिकतम एक महीने होती है। कुट्टू का आटा केवल व्रत व नवरात्र के सीजन में ही उपयोग होने की वजह से दुकानों में खुला आटा बच जाता है। ऐसे में व्यापारी पुराना बचा आटा बेचते हैं। इसमें फंगल और इंसेक्ट ग्रोथ हो जाती है।
ऐसे में उपभोक्ता उसकी उपयोग अवधि को देखकर ही आटा खरीदें। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को भी इस संबंध में निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। अगर किसी व्यापारी के पास कुट्टू का आटा खराब पाया जाता है तो उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी जोशी ने बताया कि सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में सतर्कता बरतने और सैंपलिंग के निर्देश दे दिए गए हैं।
क्या है कुट्टू का आटा
कुट्टू को पहाड़ी बोली में ओगल भी कहा जाता है। इंग्लिश में इसे बकवीट कहते हैं। कुट्टू में पर्याप्त मात्रा में आयरन, सेलीमन व ग्लूटन होता है। कुट्टू का आटा डायबिटीज के मरीजों के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह फाइबर और मिनरल से भरपूर होता है।
इन बातों का रखें ख्याल –
खुले में रखा आटा न लें।
अगर आटे में फंगस लगी है तो उसे न लें।
आटे में थोड़ा भी नमी लगे तो इसका इस्तेमाल न करें।
इसे खाने से अगर थोड़ा भी तबीयत खराब लगे तो इसे खाना तत्काल बंद करें और समय पर डॉक्टर को दिखाएं