उत्तराखंड पिथौरागढ़।
राजकीय इंटर कालेज मुनस्यारी में पहले तो विद्यालय ने नियम को ताक में रखकर खुद टैबलेट खरीद कर छात्रों को बांट दिया। अब खाते से टैबलेट के रुपए वापस लाने पर ही टीसी देने का फरमान जारी कर विद्यालय प्रशासन अपने ही जाल में फंस गया है। जिपंस जगत मर्तोलिया ने मुख्य शिक्षा अधिकारी से टीसी के मामले में शिकायत की, तब ये टैबलेट घोटाला का जिन्न बाहर निकला।
शहीद त्रिलोक सिंह पांगती राजकीय इंटर कालेज में इंटर फाइनल के 40 छात्रों को टीसी नहीं दिए जाने के मामले ने आज तूल पकड़ लिया। पता चला कि टैबलेट का रुपए जमा नहीं करने पर प्रधानाचार्य द्वारा टीसी नहीं दी जा रही थी। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया को क्षेत्र पंचायत सदस्य विक्की दरियाल ने इसकी जानकारी दी।
40 छात्रों को टीसी नहीं मिलने के कारण उनके अभिभावक परेशान हो गए। क्षेत्र पंचायत सदस्य दरियाल आज इंटर कालेज पहुंचे तो प्रधानाचार्य ने बताया कि खाते में रुपया नहीं आया है। छात्रों को विद्यालय से टैबलेट खरीद कर दिए गए है। टैबलेट के रुपए लौटाने पर ही टीसी दी जाएगी। घंटों तक बहस के बाद भी मामले का हल नहीं निकलने पर दरियाल ने जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया को पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी जुकरियां को पिथौरागढ़ फोन कर जानकारी दी। सीईओ ने विद्यालय द्वारा टैबलेट खरीद कर दिए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि टैबलेट के रुपए खाते में डालने के नियम थे। उन्होंने कहा कि यह गंभीर वित्तीय अनियमिता, धोखाधड़ी का गंभीर मामला है। इसकी जांच की जाएगी। जिपंस जगत मर्तोलिया ने कहा कि टैबलेट खरीदने का अधिकार किसने दिया, अगर यह नियम विरुद्ध है तो जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाय।