New Delhi :-
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार गरीबों पर टैक्स बढ़ा रही है, जबकि कॉर्पोरेट टैक्स पर छूट देकर वह अमीरों को लाभ पहुंचा रही है। पार्टी का आरोप है कि कॉर्पोरेट में टैक्स कटौती के कारण केवल दो सालों में केंद्र सरकार को 1.84 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है जबकि इसी दौरान गरीबों के उपभोग वाली वस्तुओं का टैक्स बढ़ाया गया है, जिससे आम लोगों की जिंदगी मुश्किल हुई है।
कॉर्पोरेट टैक्स के रूप में सरकार 30 प्रतिशत तक का कर वसूलती थी, लेकिन कोरोना काल के दौरान इसमें कमी की गई। सरकार के सलाहकारों का अनुमान था कि कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती करने के बाद उद्योगपतियों के हाथ में ज्यादा रूपये बचेंगे, जिसका वे निवेश करेंगे और इससे रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी।
आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि उद्योगपतियों ने बाजार में मांग न देखते हुए इस बचत के धन का निवेश नहीं किया। इससे सरकार को राजस्व का घाटा तो हुआ, लेकिन उसे वह लाभ नहीं मिला जिसकी वह उम्मीद कर रही थी।
कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ ने कहा है कि बीजेपी नेता की अगुवाई वाली कमेटी ऑन एस्टीमेट्स ने आठ अगस्त को अपनी एक रिपोर्ट में माना है कि कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती से सरकार को केवल नुकसान सहना पड़ा है। इससे सरकार की असली छवि सामने आ जाती है। उन्होंने कहा कि यदि यह रूपया टैक्स के रूप में सरकार के पास आता तो इससे गरीबों के लिए ज्यादा कल्याणकारी योजनाओं में निवेश किया जा सकता था।