CT News – CT News https://ctnews.in News Portal Wed, 26 Feb 2025 13:20:08 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://ctnews.in/wp-content/uploads/2024/07/cropped-CT_NEWS_LOGO-32x32.png CT News – CT News https://ctnews.in 32 32 मुख्यमंत्री धामी ने खटीमा स्थित वनखंडी महादेव मंदिर में देवाधिदेव महादेव की पूजा-अर्चना की https://ctnews.in/cabinet-minister-ganesh-joshi-reached-prayagraj-took-a-holy-dip-in-the-triveni-sangam-on-mahashivratri/ https://ctnews.in/cabinet-minister-ganesh-joshi-reached-prayagraj-took-a-holy-dip-in-the-triveni-sangam-on-mahashivratri/#respond Wed, 26 Feb 2025 13:20:08 +0000 https://ctnews.in/?p=4469

सीएम ने 12 दिवसीय महाशिवरात्रि मेले का किया शुभारंभ 

खटीमा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाशिवरात्रि पर चकरपुर, खटीमा स्थित श्री वनखंडी महादेव शिव मंदिर में सपत्नीक जलाभिषेक एवं पूजा अर्चना कर प्रदेश में सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने श्री वनखण्डी महादेव मंदिर में 12 दिवसीय महाशिवरात्रि मेले का भी शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं को महाशिवरात्रि की बधाई देते हुए कहा कि भगवान भोलेनाथ की कृपा सभी पर बनी रहे। उन्होंने कहा वे कई वर्षो से महाशिवरात्रि के अवसर पर श्री वनखंडी महादेव शिव मंदिर में आ रहे हैं। राज्य सरकार, प्रदेश में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने पर कार्य कर रही है। शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर से किया गया है। अब वर्ष भर हमारे धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं आ सकेंगे, जिससे प्रदेश व क्षेत्र की जनता को सीधा लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वनखण्डी मंदिर को सुन्दर डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जायेगा। माँ पूर्णागिरि मंदिर में शीघ्र रोपवे, एवं टनकपुर में शारदा रिवर फ्रंट बनाया जा रहा है। जिसमें खटीमा व उसके आस पास के क्षेत्रों को रिवर फ्रंट डीपीआर में जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हनोल क्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने 120 करोड़ कि धनराशि दी है। सरकार द्वारा पूरे प्रदेश का समेकित विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा खटीमा बस अड्डा शीघ्र तैयार होगा। टनकपुर बस अड्डे को 200 करोड़ रूपये की धनराशि से आई.एस.बी.टी बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के अंदर धार्मिक स्थलों का कायाकल्प हुआ है। जिससे पुरे देश में धार्मिक पुनर्जागरण हुआ है। उन्होंने कहा केदारनाथ में भीषण आपदा आने से श्रद्धांलुओं का आना बहुत कम हो गया था। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कर वहां पूजा अर्चना की एवं रात्रि प्रवास किया। और अब केदारनाथ धाम में हर साल 20 लाख से भी अधिक श्रद्धांलु दर्शन करने आ रहें हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिथौरागढ़ के आदि कैलाश, जोलीकोंग की यात्रा की, जिससे मानसखंड को भी विश्व पटल नई पहचान मिली है। उन्होंने कहा आदि कैलाश पर जाने वाले यात्री कुमाऊँ सड़क मार्ग से ही जाते है। जिससे यहाँ के सभी प्रकार के कारोबारियों को वर्ष भर रोजगार मिलेगा। मानसखण्ड योजना के अंतर्गत कुमाऊँ के सभी मंदिरों को जोड़ा जा रहा है। जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

कार्यक्रम में मेला समिति द्वारा मुख्यमंत्री का मंदिर सौंदर्यकरण हेतु पूर्व में 1 करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान करने हेतु आभार व्यक्त किया। मंदिर समिति ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र देकर सम्मानित भी किया।

इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष रमेश चंद्र जोशी, मंदिर समिति अध्यक्ष गोपाल सिंह बिष्ट, जिलाध्यक्ष कमल जिंदल, गणेश जोशी, सुधीर वर्मा, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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भवन निर्माण में ग्रीन बिल्डिंग, सोलर पावर तथा रेन वाटर हार्वेस्टिंग के नियमों का सख्ती से किया जाए पालन- मुख्य सचिव https://ctnews.in/the-rules-of-green-building-solar-power-and-rain-water-harvesting-should-be-strictly-followed-in-building-construction-chief-secretary/ https://ctnews.in/the-rules-of-green-building-solar-power-and-rain-water-harvesting-should-be-strictly-followed-in-building-construction-chief-secretary/#respond Wed, 26 Feb 2025 13:04:41 +0000 https://ctnews.in/?p=4466

भवनों के निर्माण में उत्तराखण्ड की स्थानीय वास्तु शैली का हो उपयोग – मुख्य सचिव 

देहरादून। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में आयोजित ईएफसी (व्यय वित्त समिति) में पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर में 1044.94 लाख रूपये लागत के कौड़िया किमसार वन मोटर मार्ग के सृदृढ़ीकरण कार्यों, जी बी पंत इंस्टिटयूट आफ इंजीनियरिंग एण्ड टैक्नोलाॅजी, घुड़दौड़ी, पौड़ी के निकट 1516.13 लाख रूपये की बिल्केदार पम्पिंग पेयजल योजना के पुनर्गठन, 1617.03 लाख रू0 के लागत वाले राजकीय पालीटेक्निक, सल्ट के भवन निर्माण कार्य, नाबार्ड की आरआईडीएफ योजना के तहत 1061.17 लाख रू0 के राजकीय पाॅलिटैक्निक, लोहाघाट तथा 1234.59 लाख रू0 की लागत के राजकीय पाॅलिटैक्निक, दन्या के निर्माण, देहरादून में 1171.56 लाख रू0 की लागत के न्यू कैंट मोटर मार्ग के 1 किमी0 0.375 चैनेज से 1.625 चैनेज (सालावाला पुल से विजय काॅलोनी पुल) तक मार्ग को दो लेन से 10.50 मी0 चैड़ाई में अपग्रेड करने की योजनाओं को अनुमोदन दिया।

इसके साथ ही आज की ईएफसी में भराड़ीसैंण में पशुपालन विभाग के तहत भराणीसैंण फार्म विकसित करने तथा निकटस्थ गांवों में डेयरी आधारित अर्थव्यवस्था तथा गाय आधारित पर्यटन विकास की 3003.05 लाख रू0 की महत्वपूर्ण योजना पर भी चर्चा की गई। योजना पर विस्तृत चर्चा के लिए उच्च स्तरीय बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए कि सभी भवन निर्माण कार्यों में ग्रीन बिल्डिंग, सोलर पावर तथा रेन वाटर हार्वेस्टिंग के नियमों का सख्ती से पालन किया जाए। उन्होंने स्कूल, कालेज एवं अन्य भवनों के निर्माण में उत्तराखण्ड की स्थानीय वास्तु शैली के उपयोग के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि पौड़ी गढ़वाल में यमकेश्वर में कौड़िया-किमसार मोटर मार्ग के सुदृढ़ीकरण के निर्माण कार्य से स्थानीय जनता एवं वन विभाग को आवागमन में सुविधा मिलेगी। राजकीय पालीटेक्निक, सल्ट एवं राजकीय पाॅलिटैक्निक, दन्या में भवन निर्माण कार्य से प्रदेश के क्षेत्रीय एवं दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों का प्रवेश एवं अध्ययन किया जाना संभव होगा। राजकीय पाॅलिटैक्निक, लोहाघाट के भवन के निर्माण कार्य से भावी विद्यार्थियों के प्रवेश प्रतिशत में वृद्धि एवं नवीन मानकों के साथ मैकेनिकल शाखा में शिक्षा/तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराये जाने हेतु अतिरिक्त भवन एवं वर्कशाप का सृजन/निर्माण आदि कराने की सुविधा प्राप्त होगी।

बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव डा बी वी आर सी पुरूषोतम, डा रंजीत कुमार सिन्हा, पंकज कुमार पाण्डेय सहित वित्त, सिंचाई, नियोजन विभागों के अपर सचिव एवं अधिकारी मौजूद रहे।

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दो मई को विधि- विधान से खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट https://ctnews.in/the-doors-of-kedarnath-temple-will-be-opened-with-due-rituals-on-may-2/ https://ctnews.in/the-doors-of-kedarnath-temple-will-be-opened-with-due-rituals-on-may-2/#respond Wed, 26 Feb 2025 13:00:12 +0000 https://ctnews.in/?p=4463

पंचकेदार डोली 28 अप्रैल को श्री ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ धाम प्रस्थान करेगी

उखीमठ। विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को प्रात: 7 बजे बैशाख, मास, मिथुन राशि, वृष लग्न में विधि- विधान से खुलेंगे। 27 अप्रैल को भगवान भैरवनाथ जी की पूजा होगी। जबकि बाबा केदार की पंच मुखी डोली 28अप्रैल को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से केदारनाथ धाम प्रस्थान करेगी। आज शिवरात्रि के पावन अवसर पर श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में श्री केदारनाथ धाम रावल भीमाशंकर लिंग, केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल, दायित्व धारी चंडीप्रसाद भट्ट एवं श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल सहित पंचगाई समिति पदाधिकारियों, तथा सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में धर्माचार्यों वेदपाठियों द्वारा पंचाग गणना पश्चात विधि- विधान से श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हुई।

इस अवसर पर श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया था श्रद्धालुओं में उत्साह रहा सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुजन श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ दर्शन को पहुंचे इस अवसर पर भोलेनाथ के भजन कीर्तन का आयोजन भी हुआ तथा श्रद्धालुओं ने प्रसाद वितरण किया। कपाट खुलने की तिथि तय होने के साथ ही भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली के श्री केदारनाथ धाम प्रस्थान का कार्यक्रम भी घोषित हो गया।

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट तय होने के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है बताया कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होते ही यात्रा की केदारनाथ धाम यात्रा तैयारियों को अधिक गति मिलेगी। मंदिर समिति के स्तर श्री केदारनाथ यात्रा तैयारियां की जा रही है। कहा कि कपाट खुलने की तिथि तय होने के साथ ही भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली के श्री केदारनाथ धाम प्रस्थान का कार्यक्रम भी घोषित हो गया।

पंचमुखी डोली के केदारनाथ धाम प्रस्थान कार्यक्रम के तहत 27 अप्रैल को भगवान भैरवनाथ जी की पूजा-अर्चना होगी। श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली 28अप्रैल को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से प्रस्थान कर रात्रि प्रवास हेतु प्रथम पड़ाव श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। 29अप्रैल को श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से रात्रि प्रवास हेतु द्वितीय पड़ाव फाटा को प्रस्थान होगी।
30 अप्रैल फाटा से रात्रि प्रवास हेतु तृतीय पड़ाव गौरादेवी मंदिर गौरीकुंड पहुंचेगी। 1 मई शाम को भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली श्री केदारनाथ धाम पहुंच जायेगी। तथा 2 मई शुक्रवार को प्रात: 7 बजे वृष लग्न में श्री केदारनाथ धाम के कपाट तीर्थयात्रियों के दर्शनार्थ खुलेंगे। बीकेटीसी अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी ने बताया कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हो गयी है जल्द मंदिर समिति का अग्रिम दल केदारनाथ धाम जाकर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करेगा।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि आज ही इस यात्रा वर्ष हेतु श्री केदारनाथ धाम, मद्महेश्वर धाम हेतु पुजारियों के नाम घोषित हुए श्री केदारनाथ धाम हेतु बागेश लिंग पुजारी का दायित्व संभालेंगे। शिवलिंग मद्महेश्वर पुजारी रहेंगे तथा श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ गंगाधर लिंग तथा श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में शिवशंकर लिंग पूजा-अर्चना का दायित्व निभायेंगे ।

आज कपाट खुलने की तिथि तय होने के अवसर पर बीकेटीसी अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी,सहायक अभियंता गिरीश देवली, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवान,वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी/ केदारनाथ प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, प्रशासनिक अधिकारी रमेश नेगी, पुजारी शिवशंकर लिंग, टी गंगाधर लिंग, बागेश लिंग,वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल, यशोधर मैठाणी, विश्व मोहन जमलोकी , कुलदीप धर्म्वाण, प्रकाश पुरोहित,उमेश शुक्ला ( भंडारी) खुशाल सिंह नेगी सहित बड़ी संख्या यें तीर्थ पुरोहितगण, हकहकूकधारी,आदि मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि इस यात्रा वर्ष श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को प्रात: छ बजे खुलेंगे। तथा परंपरागत रूप से श्री गंगोत्री यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया को खुलते है इस वर्ष अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को है।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से में न्यूजीलैंड से आए डेलिगेशन ने शिष्टाचार भेंट की। https://ctnews.in/the-delegation-from-new-zealand-made-a-courtesy-visit-to-chief-minister-pushkar-singh-dhami/ https://ctnews.in/the-delegation-from-new-zealand-made-a-courtesy-visit-to-chief-minister-pushkar-singh-dhami/#respond Wed, 26 Feb 2025 12:25:40 +0000 https://ctnews.in/?p=4460

देहरदुन :   मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को खटीमा में न्यूजीलैंड से आए डेलिगेशन ने शिष्टाचार भेंट की।
ग़ौरतलब है कि प्राइमरी इंडस्ट्री मिनिस्ट्री, न्यूजीलैंड सरकार के सलाहकार प्रोफेसर गैरी तथा न्यूजीलैंड के पशुचिकित्सा वैज्ञानिक प्रोफेसर निकोलस द्वारा जनपद उधम सिंह नगर के तहसील किच्छा, गदरपुर, काशीपुर के अंतर्गत भारत सरकार की ब्रीड मल्टीप्लीकेशन फार्म योजना के लाभार्थियों के फार्माे का निरीक्षण व अध्ययन किया जा रहा है।
इस दौरान जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष जोशी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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हमारा संकल्प उत्तराखंड के संसाधनों को भू माफिया से बचाए रखना है -सीएम धामी https://ctnews.in/our-resolve-is-to-protect-the-resources-of-uttarakhand-from-land-mafia-cm-dhami/ https://ctnews.in/our-resolve-is-to-protect-the-resources-of-uttarakhand-from-land-mafia-cm-dhami/#respond Sat, 22 Feb 2025 14:16:19 +0000 https://ctnews.in/?p=4453

देहरादून। विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा के दौरान कहा कि यह संशोधन भू सुधारों में अंत नहीं अपितु एक शुरुआत है। राज्य सरकार ने जन भावनाओं के अनुरूप भू सुधारों की नींव रखी है। भू प्रबंधन एवं भू सुधार पर आगे भी अनवरत रूप से कार्य किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य की जनता की जनभावनाओं एवं अपेक्षाओं के अनुरूप निर्णय लिया है। सरकार कई नए महत्वपूर्ण मामलों पर ऐतिहासिक निर्णय ले रही है। उन्होंने कहा हम उत्तराखंड के संसाधनों, जमीनों को भूमाफियाओं से बचाने का संकल्प है। जिन उद्देश्यों से लोगों ने जमीन खरीदी है, उसका उपयोग नहीं दुरुपयोग हुआ, ये चिंता हमेशा मन में थी। उन्होंने कहा उत्तराखंड में पर्वतीय इलाकों के साथ मैदानी इलाके भी हैं। जिनकी भौगोलिक परिस्थिति एवं चुनौतियां अलग-अलग है। उन्होंने कहा जब से स्व. अटल ने उत्तराखंड राज्य के लिए औद्योगिक पैकेज दिया तब से राज्य सरकार बड़ी संख्या में औद्योगीकरण की ओर जा रही है। ऐसे में राज्य में आने वाले असल निवेशकों को कोई दिक्कत न हो, निवेश भी न रुके। उसके लिए इस नए संशोधन / कानून में  हमने सभी को समाहित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सबकी जन भावनाओं के अनुरूप कार्य कर रही है। हम लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास रखते हैं। बीते कुछ वर्षों में देखा जा रहा था कि प्रदेश में लोगों द्वारा विभिन्न उपक्रम के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार देने के नाम पर जमीनें खरीदी जा रही थी। उन्होंने कहा भू प्रबंधन एवं भू सुधार कानून बनने के पश्चात इसपर पूर्ण रूप से लगाम लगेगी। इससे असली निवेशकों और भू माफियाओं के बीच का अंतर भी साफ होगा। राज्य सरकार ने बीते वर्षों में बड़े पैमाने पर राज्य से अतिक्रमण हटाया है। वन भूमि और सरकारी भूमियों से अवैध अतिक्रमण हटाया गया है। 3461.74 एकड़ वन भूमि से कब्जा हटाया गया है। यह कार्य इतिहास में पहली बार हमारी सरकार ने किया। इससे इकोलॉजी और इकॉनमी दोनों का संरक्षण मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कृषि एवं औद्योगिक प्रयोजन हेतु खरीद की अनुमति जो कलेक्टर स्तर पर दी जाती थी। उसे अब 11 जनपदों में समाप्त कर केवल हरिद्वार और उधम सिंह नगर में  राज्य सरकार के स्तर से निर्णय लिए जाने का प्रावधान किया गया है। किसी भी व्यक्ति के पक्ष में स्वीकृत सीमा में 12.5 एकड़ से अधिक भूमि अंतर्करण को 11 जनपदों में समाप्त कर केवल जनपद हरिद्वार एवं उधम सिंह नगर में राज्य सरकार के स्तर पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा आवासीय परियोजन हेतु 250 वर्ग मीटर भूमि क्रय हेतु शपथ पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। शपथ पत्र गलत पाए जाने पर भूमि राज्य सरकार में निहित की जाएगी। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के अंतर्गत थ्रस्ट सेक्टर एवं अधिसूचित खसरा नंबर भूमि क्रय की अनुमति जो कलेक्टर स्तर से दी जाती थी, उसे समाप्त कर, अब राज्य सरकार के स्तर से दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा इसके साथ की नए कानून में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा सरकार ने गैरसैंण में भी हितधारकों, स्टेकहोल्डर से विचार लिए थे। इस नए प्रावधानों में राज्यवासियों के विचार लिए गए हैं, सभी के सुझाव भी लिए गए हैं। सभी जिलों के जिलाधिकारियों एवं तहसील स्तर पर भी अपने जिलों में लोगों से सुझाव लिए गए। सभी के सुझाव के अनुरोध ये कानून बनाया गया है। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य मूल स्वरूप बना रहे, यहां का मूल अस्तित्व बचा रहे। इसके लिए इस भू सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा राज्य की डेमोग्राफी बची रहे इसका विशेष ध्यान रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक, पर्यटन, शैक्षणिक, स्वास्थ्य तथा कृषि एवं औद्यानिक प्रयोजन आदि हेतु आतिथि तक राज्य सरकार एवं कलेक्टर के स्तर से कुल 1883 भूमि क्रय की अनुमति प्रदान की गयी। उक्त प्रयोजनों / आवासीय प्रयोजनों हेतु क्रय की गयी भूमि के सापेक्ष कुल 599 भू-उपयोग उल्लंघन के प्रकरण प्रकाश में आये हैं, जिनमें से 572 प्रकरणों में उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (अनुकूलन एवं उपान्तरण आदेश-2001) की धारा 166/167 के अन्तर्गत वाद योजित किये गये हैं तथा 16 प्रकरणों में वाद का निस्तारण करते हुए 9.4760 हे० भूमि राज्य सरकार में निहित की गयी है। अवशेष प्रकरणों में कार्यवाही की जा रही है।
विधायकों ने बधाई दी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से विधानसभा परिसर में विधानसभा बजट सत्र में उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 सर्व सहमति से पारित होने पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, महंत दिलीप रावत,  प्रमोद नैनवाल, श्रीमती रेणु बिष्ट,  सुरेश चौहान,  राम सिंह कैड़ा ,  महेश जीना ,  राजकुमार ,  अनिल नौटियाल, सहित विभिन्न विधायकों ने भेंट कर इस ऐतिहासिक कार्य के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
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विधानसभा में भू-कानून को अधिक सशक्त करते हुए ऐतिहासिक संशोधन विधेयक किया पास https://ctnews.in/a-historic-amendment-bill-was-passed-in-the-assembly-making-the-land-law-more-powerful/ https://ctnews.in/a-historic-amendment-bill-was-passed-in-the-assembly-making-the-land-law-more-powerful/#respond Sat, 22 Feb 2025 14:08:36 +0000 https://ctnews.in/?p=4450

सशक्त भू कानून विधेयक प्रदेश के मूल स्वरूप को सुरक्षित रखेगा- सीएम धामी

देहरादून। उत्तराखण्ड विधानसभा में भू-कानून को अधिक सशक्त करते हुए ऐतिहासिक संशोधन विधेयक पास किया गया। सदन में बोलते हुए सीएम धामी ने कहा कि देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत, पर्यावरण संतुलन और आमजन के अधिकारों की रक्षा हेतु सख्त भू-कानून नितांत आवश्यक था। यह कानून प्रदेश के हितों को सर्वोपरि रखते हुए अनियंत्रित भूमि खरीद-बिक्री पर रोक लगाएगा और राज्य के मूल स्वरूप को सुरक्षित रखेगा।

यह महत्वपूर्ण निर्णय उत्तराखण्ड की जनता की भावनाओं और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हमारी सरकार देवभूमि के सम्मान, संस्कृति और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि बजट सत्र में नया भू कानून विधेयक सदन के पटल पर रखा गया था।

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अपने बयान के लिए वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रकट किया खेद https://ctnews.in/finance-minister-premchand-agarwal-expressed-regret-for-his-statement/ https://ctnews.in/finance-minister-premchand-agarwal-expressed-regret-for-his-statement/#respond Sat, 22 Feb 2025 13:51:54 +0000 https://ctnews.in/?p=4447

मैंने कहा था कि सारे उत्तराखंड में देश के सभी हिस्सों के लोग रहते हैं – प्रेमचंद

मेरे बयान को कुछ लोग गलत तरीके से तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं- प्रेमचंद

देहरादून।  बीते रोज सदन के भीतर दिए गए बयान पर वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने खेद प्रकट किया है। उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड में रह रहे सभी लोग उनके परिवार है और परिवार के लोगों के समक्ष अनजाने में कही गई बात के लिए खेद प्रकट करने में उन्हें संकोच नहीं है। सदन के भीतर उनके द्वारा कही गई बात को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मेरे बयान को कुछ लोग ग़लत तरीक़े से तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। मैंने कहा था कि सारे उत्तराखंड में देश के सभी हिस्सों के लोग रहते हैं। हम सभी उत्तराखंड के हैं और उत्तराखंड हमारा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हमारे हृदय में समाया है। मैंने सारे उत्तराखंड की बात की थी। कहा कि मेरा उद्देश्य और कथन का आशय यह था कि उत्तराखंड एक गुलदस्ता है जिसमें हर तरह के रंग बिरंगे फूल इसकी खूबसूरती हैं। मेरे बयान को ग़लत तरीक़े से पेश किया गया।

उन्होंने कहा कि मेरी बात से कई लोगों की भावनाएँ आहत हो गई हैं, ऐसा मुझे महसूस हो रहा है। मेरी वजह से किसी को पीड़ा पहुँचे यह मेरा स्वभाव नहीं है। इसलिए जाने अनजाने जिस किसी को भी पीड़ा पहुंचीं हैं,उसके लिए मैं हृदय से खेद व्यक्त करता हूँ।उन्होंने कहा कि हम सब एक परिवार हैं और परिवार में छोटों का स्नेह और बड़ों का आशीर्वाद मेरे ऊपर बने रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार के सदस्यों के सामने खेद प्रकट करने में उन्हें कोई संकोच नहीं है।

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CM धामी ने गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित ‘17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन’ में बतौर मुख्यातिथि किया प्रतिभाग। https://ctnews.in/cm-dhami-participated-as-the-chief-guest-in-the-17th-agricultural-science-conference-organized-at-govind-ballabh-pant-university-of-agriculture-and-technology/ https://ctnews.in/cm-dhami-participated-as-the-chief-guest-in-the-17th-agricultural-science-conference-organized-at-govind-ballabh-pant-university-of-agriculture-and-technology/#respond Sat, 22 Feb 2025 13:33:49 +0000 https://ctnews.in/?p=4444

देहरादून :    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित ‘17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन’ में बतौर मुख्यातिथि प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण एवं कृषकों का उत्थान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस प्रतिष्ठित सम्मेलन को देवभूमि उत्तराखंड की पुण्य धरा में आयोजित किया जा रहा है। ऐसे सम्मेलनों के द्वारा जहां एक ओर किसान भाईयों को कृषि से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, शोध परिणामों एवं उत्तम बीज-खाद आदि के विषय में जानने का अवसर प्राप्त होता है, वहीं दूसरी ओर यहाँ पर लगे विभिन्न स्टॉलों के माध्यम से उन्हें औद्यानिकी, पशुपालन एवं जैविक खेती जैसी कृषि की अन्य विधाओं के बारे में भी विषय विशेषज्ञों से महत्वपूर्ण मार्गदर्शन भी मिलता है। उन्होंने कृषि जगत के इतने महत्वपूर्ण एवं प्रतिष्ठित सम्मेलन को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज उत्तराखंड को कुशल एवं समृद्ध बनाने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे है। आज मोदी सरकार द्वारा जहां एक ओर देश में विभिन्न योजनाओं, अभियान के माध्यम से कृषि उपज बढ़ाने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं, वहीं किसानों की आय में बढ़ाने की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार भी प्रदेश के किसानों की उत्थान एवं समृद्धि हेतु संकल्पित होकर निरंतर कार्य कर रही है। वर्तमान में प्रदेश में किसानों को तीन लाख रुपए तक का ऋण बिना ब्याज के देने के साथ ही फार्म मशीनरी बैंक योजना के अंतर्गत कृषि उपकरण खरीदने एवं एप्पल मिशन के अंतर्गत सेब के बागान लगाने पर 80 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है। चाय बागान धौला देवी, मुनस्यारी एवं बेतालघाट को जैविक चाय बागान के रूप परिवर्तित किये जाने का काम किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में सगंध खेती को भी बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। 6 एरोमा वैली विकसित करने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। विभिन्न योजनाओं, नवाचारों एवं प्रशिक्षणों के माध्यम से उत्तराखंड के किसानों को प्रशिक्षित करने का कार्य किया जा रहा है। इस बार के बजट में किसानों एवं पशुपालकों के उत्थान के लिए 463 करोड़ का रूपये का अलग से प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं का उत्थान सुनिश्चित करने कि दिशा में गोविन्द बल्लभ कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर लम्बे समय से कार्य कर रहा है। 1960 से लेकर लगातार यह विश्वविद्यालय न केवल कृषि एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निरंतर नए-नए शोध कार्य कर रहा है, बल्कि देश में प्रतिभावान वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की नई पौध को भी विकसित करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। इसी क्रम में यहां आयोजित हो रहा ये कृषि विज्ञान सम्मेलन उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश के कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को और अधिक समृद्ध करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने इस सम्मेलन में आए किसानों से आह्वान किया कि यहां लगाए गए विभिन्न स्टॉलों को देखने के  साथ-साथ इस सम्मेलन के दौरान पर्वतीय क्षेत्रों की कृषि में नवाचार, डिजिटल कृषि, जलवायु परिवर्तन और स्मार्ट पशुधन पालन जैसे विभिन्न विषयों पर आयोजित होने वाली पैनल चर्चाओं एवं सेमिनार में भी अवश्य प्रतिभाग करें। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन से नई-नई तकनीकों के साथ-साथ कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र के प्रति एक नया विजन सामने आयेगा।

गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एम एस चौहान ने सम्मेलन में सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सम्मेलन में 16 देशों के वैज्ञानिक इस कृषि महाकुम्भ में प्रतिभाग कर रहे हैं, साथ ही 500 से अधिक प्रगतिशील कृषक भी प्रतिभाग कर रहे है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सहयोग व प्रेरणा से इस कृषि सम्मेलन का आयोजन संभव हो पाया है।

इस दौरान मेयर विकास शर्मा, गजराज बिष्ट, दर्जामंत्री अनिल कपूर डब्बू, आईजी डॉ योगेन्द्र सिंह रावत, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकान्त मिश्रा, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक और कृषक उपस्थित थे।

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चौबटिया में बनेगा शीतोष्ण फलों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, राज्य सरकार के प्रस्ताव को मिली भारत सरकार की मंजूरी https://ctnews.in/center-of-excellence-for-temperate-fruits-will-be-built-in-chaubatia-the-proposal-of-the-state-government-got-the-approval-of-the-government-of-india/ https://ctnews.in/center-of-excellence-for-temperate-fruits-will-be-built-in-chaubatia-the-proposal-of-the-state-government-got-the-approval-of-the-government-of-india/#respond Wed, 19 Feb 2025 16:59:25 +0000 https://ctnews.in/?p=4434

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जताया आभार

प्रदेश में अनुसंधान को बढ़ावा देने हेतु कृषि मंत्री गणेश जोशी ने प्रदेश में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के दिए थे निर्देश

देहरादून। सुबे के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी द्वारा विभागीय अधिकारियों को दिए गए निर्देशों के क्रम में आज उद्यान विभाग में केन्द्रपोषित बागवानी मिशन योजनान्तर्गत भारत सरकार ने पण्डित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय उद्यान चौबटिया, अल्मोड़ा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर टैम्परेट फ्रूट की स्थापना के लिए रुपये 671.62 लाख की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस संबंध में आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया गया है। इसके लिए कृषि मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है।

यह परियोजना इण्डो-डच नीदरलैण्ड वर्किंग ग्रुप के सहयोग के साथ फसलों पर नवीन तकनीक अपनाते हुए कियान्वित की जायेगी। यह परियोजना में मुख्यतः शीतोष्ण फलों की फसल पर केन्द्रित है जिसमें सेब, आडू, नाशपाती, प्लम एवं अखरोट को सम्मिलित किया गया है। इस प्रस्ताव में आधार भूत संरचना, ट्रेनिंग हॉस्टल, सिंचाई प्रणाली, पॉलीहाउस, सॉर्टिंग ग्रेडिंग यूनिट, प्रदर्शन प्रखण्ड के साथ-साथ कोल्ड रूम की मंजूरी प्रदान की गयी है। जिसमें राज्य सरकार द्वारा मृदा प्रयोगशाला तैयार किये जाने के लिए भी सहयोग प्रदान किया जायेगा। परियोजना का लक्ष्य फसल में नवीन तकनीक अपनाते हुए उत्पादन के साथ-साथ उत्पादकता में वृद्धि करना है। जिस हेतु फसलवार एवं नवीन तकनीक सहित प्रदर्शन प्रखण्ड स्थापित किये जायेंगें। विदित है कि उत्कृष्ठता केन्द्र अनेक अच्छी कृषि पद्धतियों और किस्मों का मूल्याकन करेगा तथा किसानों को प्रर्दशनी के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा ताकि कृषक उपयुक्त पद्धति को अपनाकर अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सके।

कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में शीतोष्ण फल उत्पादन की अपार सम्भावनायें है। यह सेंटर उत्तराखंड में शीतोष्ण फलों की उन्नत खेती, अनुसंधान और प्रशिक्षण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे प्रदेश के किसानों को नई तकनीकों और आधुनिक कृषि पद्धतियों की जानकारी मिलेगी, जिससे उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आय में सुधार होगा। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि यह परियोजना राज्य की बागवानी को एक नई दिशा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे स्थानीय किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले फल उत्पादन के लिए वैज्ञानिक तरीकों की जानकारी मिलेगी और उन्हें बाजार में अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि राजकीय उद्यान चौबटिया, जो पहले से ही अपनी बागवानी प्रयोगशालाओं और अनुसंधान कार्यों के लिए प्रसिद्ध है, अब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में और भी विकसित होगा। इससे प्रदेश में सेब, नाशपाती, आड़ू, खुबानी और अन्य समशीतोष्ण फलों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।

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धामी कैबिनेट ने सख्त भू- कानून पर लगाई मुहर https://ctnews.in/dhami-cabinet-approved-strict-land-law/ https://ctnews.in/dhami-cabinet-approved-strict-land-law/#respond Wed, 19 Feb 2025 16:56:41 +0000 https://ctnews.in/?p=4431

यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों की रक्षा करेगा-सीएम धामी

देखें,भू कानून के खास बिंदु

लंबे समय से उठ रही थी सख्त भू कानून की आवाज

राज्य, संस्कृति और मूल स्वरूप की रक्षक हमारी सरकार 

देहरादून। लंबे समय से सख्त भू कानून की मांग पर धामी सरकार ने मुहर लगा दी। बुधवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में भू कानून पर मुहर लगा दी गयी।

कैबिनेट के फैसले के बाद सीएम धामी ने कहा कि भाजपा सरकार राज्य, संस्कृति और मूल स्वरूप की रक्षक है। ट्वीट कर सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरी तरह सम्मान करते हुए आज कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है।

यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा, साथ ही प्रदेश की मूल पहचान को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

कहा कि हमारी सरकार जनता के हितों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और हम कभी भी उनके विश्वास को टूटने नहीं देंगे। इस निर्णय से यह स्पष्ट हो जाता है कि हम अपने राज्य और संस्कृति की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। निश्चित तौर पर यह कानून प्रदेश के मूल स्वरूप को बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होगा।

गौरतलब है कि बीते लम्बे समय से प्रदेश के अंदर सख्त भू कानून की मांग उठ रही थी। इस मुद्दे पर राज्य भर में प्रदर्शन हो रहे थे। सीएम धामी ने सख्त भू कानून लागू करने के लिए शासन स्तर पर कमेटी का गठन किया था।

नए भू कानून के प्रमुख प्रावधान

2018 के सभी प्रावधान निरस्त

राज्य सरकार द्वारा पूर्व में 2018 में लागू किए गए सभी प्रावधानों को नए कानून में समाप्त कर दिया गया है।

बाहरी व्यक्तियों की भूमि खरीद पर प्रतिबंध

हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर, उत्तराखंड के 11 अन्य जिलों में राज्य के बाहर के व्यक्ति हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि नहीं खरीद पाएंगे।

पहाड़ों में चकबंदी और बंदोबस्ती

पहाड़ी इलाकों में भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित करने और अतिक्रमण रोकने के लिए चकबंदी और बंदोबस्ती की जाएगी।

जिलाधिकारियों के अधिकार सीमित

अब जिलाधिकारी व्यक्तिगत रूप से भूमि खरीद की अनुमति नहीं दे पाएंगे। सभी मामलों में सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल के माध्यम से प्रक्रिया होगी।

ऑनलाइन पोर्टल से होगी भूमि खरीद की निगरानी

प्रदेश में जमीन खरीद के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जहां राज्य के बाहर के किसी भी व्यक्ति द्वारा की गई जमीन खरीद को दर्ज किया जाएगा।

शपथ पत्र होगा अनिवार्य

राज्य के बाहर के लोगों को जमीन खरीदने के लिए शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा, जिससे फर्जीवाड़ा और अनियमितताओं को रोका जा सके।

नियमित रूप से भूमि खरीद की रिपोर्टिंग

सभी जिलाधिकारियों को राजस्व परिषद और शासन को नियमित रूप से भूमि खरीद से जुड़ी रिपोर्ट सौंपनी होगी।

नगर निकाय सीमा के भीतर तय भू उपयोग

नगर निकाय सीमा के अंतर्गत आने वाली भूमि का उपयोग केवल निर्धारित भू उपयोग के अनुसार ही किया जा सकेगा।

यदि किसी व्यक्ति ने नियमों के खिलाफ जमीन का उपयोग किया, तो वह जमीन सरकार में निहित हो जाएगी।

क्या होगा नए कानून का प्रभाव ?

इस कानून से उत्तराखंड में बाहरी लोगों द्वारा अंधाधुंध भूमि खरीद पर रोक लगेगी।

पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि का बेहतर प्रबंधन होगा, जिससे राज्य के निवासियों को अधिक लाभ मिलेगा।

भूमि की कीमतों में अप्राकृतिक बढ़ोतरी पर नियंत्रण रहेगा और राज्य के मूल निवासियों को भूमि खरीदने में सहूलियत होगी।

सरकार को भूमि खरीद-बिक्री पर अधिक नियंत्रण प्राप्त होगा, जिससे अनियमितताओं पर रोक लगेगी।

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