Health – CT News https://ctnews.in News Portal Sat, 21 Dec 2024 08:10:17 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://ctnews.in/wp-content/uploads/2024/07/cropped-CT_NEWS_LOGO-32x32.png Health – CT News https://ctnews.in 32 32 क्यों आती है पढ़ाई करते समय नींद ? आलस नहीं झपकी लगने के हैं और भी कारण https://ctnews.in/youths-stabbed-a-cab-driver-to-death-two-accused-including-a-minor-arrested/ https://ctnews.in/youths-stabbed-a-cab-driver-to-death-two-accused-including-a-minor-arrested/#respond Sat, 21 Dec 2024 08:10:17 +0000 https://ctnews.in/?p=4282

बच्चे हो या फिर युवा अक्सर ऐसा सभी के साथ होता है कि किताब खोलते ही नींद आने लगती है। क्या आपको पता है इसके पीछे आलस नहीं कई और भी कारण होते हैं। यहां जानिए कारण।

पढ़ते समय नींद की झपकी आना सामान्य बात है। कई बार कोई भी बुक या मैग्जीन पढ़ते हुए ऐसा लगता है कि आंखें अपने आप बंद हो जाएंगी। आइए जानते हैं पढ़ते समय नींद आने के कारण।

मानसिक मेहनत
पढ़ाई करते समय हमारी मानसिक मेहनत होती है. ये थका देने वाली प्रक्रिया होती है. जब भी हम पढ़ते हैं तो उस दौरान हमारा दिमाग लगातार नई जानकारी को हासिल करने और उसे प्रोसेस करने की कोशिश करता है। यह मानसिक मेहनत हमारे शरीर को थका देती है और नींद आने लगती है।

स्लीप साइकिल गड़बड़ होना
जिन लोगों की स्लीप साइकल गड़बड़ होती है उन्हें भी पढ़ते समय झपकी आती है. अगर आप रात को पूरी नींद नहीं लेते हैं, तो दिन में आपको नींद आना स्वाभाविक है. अनियमित स्लीप साइकिल आपके शरीर की नेचुरल स्लीप-वेक साइकिल को बाधित करता है और आपको दिन में थका हुआ महसूस कराता है।

एक ही पोजीशन में पढऩा
एक ही पोजीशन में पढऩे की वजह से भी आपको नींद आ सकती है. अगर आप एक ही पोजीशन में लंबे समय तक बैठकर पढ़ते हैं या अकेले कमरे में पढ़ते हैं, तो आपका शरीर और दिमाग जल्दी थक सकता है, जिसके कारण नींद आने लगती है।

स्वास्थ्य समस्याएं भी हैं कारण
अगर आपको किसी भी तरह की कोई स्वास्थ्य समस्या है तो भी आपको नींद आ सकती है. कुछ स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि एनीमिया, थायरॉइड समस्याएं और डिप्रेशन भी पढ़ते समय नींद आने का कारण बन सकती हैं।

(आर एन एस )

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अंकुरित गेहूं का सेवन सेहत के लिए होता है फायदेमंद, इससे बनाएं ये 5 पौष्टिक व्यंजन https://ctnews.in/consuming-sprouted-wheat-is-beneficial-for-health-make-these-5-nutritious-dishes-from-it/ https://ctnews.in/consuming-sprouted-wheat-is-beneficial-for-health-make-these-5-nutritious-dishes-from-it/#respond Thu, 12 Dec 2024 06:14:22 +0000 https://ctnews.in/?p=4231

अंकुरित गेहूं एक बेहद पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल की भरपूर मात्रा होती है।इसे अपनी डाइट में शामिल करने से न केवल आपकी ऊर्जा बढ़ सकती है, बल्कि पाचन तंत्र भी मजबूत हो सकता है। इस लेख में हम आपको अंकुरित गेहूं से बनने वाले खास व्यंजनों की रेसिपी बताएंगे, जो रोजमर्रा के खाने से अलग और पौष्टिक हैं। इन व्यंजनों को बनाना भी बहुत आसान है।

अंकुरित गेहूं का सलाद
अंकुरित गेहूं का सलाद एक ताजगी भरा और पौष्टिक व्यंजन है। इसे बनाने के लिए आपको चाहिए होगा- 1 कप अंकुरित गेहूं, 1 कटा हुआ टमाटर, 1 कटा हुआ खीरा, 1 कटा हुआ प्याज, नींबू का रस, नमक और काली मिर्च।इसके लिए सभी सब्जियों को काटकर सभी सामग्रियों को अच्छी तरह मिला लें। यह सलाद न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को भी स्वस्थ रखता है।

अंकुरित गेहूं की टिक्की
अंकुरित गेहूं की टिक्की एक बेहतरीन स्नैक हो सकती है। इसे बनाने के लिए आपको चाहिए होगा- 2 कप अंकुरित गेहूं, 2 उबले हुए आलू, अदरक, हरी मिर्च, धनिया पत्ती, स्वादानुसार नमक और मसाले।इसे बनाने के लिए आलू को मीसें और सभी सामग्रियों को मिलाकर गोल-गोल टिक्कीयां तैयार कर लें।अब इन टिक्कियों को तेल में सुनहरा होने तक सेंके। ये टिक्कीयां प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होती हैं, जो आपके स्नैक टाइम को सेहतमंद बना सकती हैं।

अंकुरित गेहूं का सूप 
ठंड के मौसम में अंकुरित गेहूं का गर्मा-गर्म सूप पीने का मजा ही अलग होता है। इसके लिए आपको चाहिए होगा- 1 कप अंकुरित गेहूं, गाजर, बीन्स, मटर आदि जैसी सब्जियां, अदरक लहसुन का पेस्ट और मसाले।सब्जियों को उबालें और उसमें अंकुरित गेहूं मिलाएं। इसमें अदरक-लहसुन का पेस्ट और मसाले मिलाएं। इसे अच्छी तरह पकाएं, ताकि सभी स्वाद मिल जाएं।यह सूप विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है, जो शरीर को गर्माहट और पोषण प्रदान करता है।

अंकुरित गेहूं की खिचड़ी
खिचड़ी तो आपने कई बार खाई होगी, लेकिन इस बार अंकुरित गेहूं की खिचड़ी चखकर देखें। इसके लिए आपको चाहिए होगा- आधा कप चावल, आधा कप मूंग दाल, 1 कप अंकुरित गेहूं, स्वादानुसार नमक और मनचाहे मसाले। सबसे पहले चावल और दाल को पकाएं, फिर उसमें अंकुरित गेहूं डालें और मसाले मिलाएं। यह खिचड़ी पेट के लिए हल्की होती है और पोषण से भरपूर होती है, जिससे पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहता है।

अंकुरित गेहूं का पराठा
पराठे तो सभी पसंद करते हैं, लेकिन इस बार अंकुरित गेहूं का पराठा बनाएं। इसके लिए आपको चाहिए होगा- आटा, उबले हुए आलू, बारीक कटे हुए प्याज, हरी मिर्च, धनिया पत्ती, मसाले और अंकुरित गेहूं। आटे में सभी सामग्रियां मिलाकर पराठे बेल लें और घी में सेंक लें। ये पराठे स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इन व्यंजनों को डाइट में शामिल करके आप स्वस्थ रह सकते हैं।

(आर एन एस )

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बिना दवाई के सर्दी जुकाम से छुटकारा दिलाएंगे ये आयुर्वेदिक नुस्खे https://ctnews.in/these-ayurvedic-remedies-will-help-you-get-rid-of-cold-and-cough-without-any-medicine/ https://ctnews.in/these-ayurvedic-remedies-will-help-you-get-rid-of-cold-and-cough-without-any-medicine/#respond Tue, 10 Dec 2024 10:31:21 +0000 https://ctnews.in/?p=4217

बदलते मौसम में एक चीज से सभी लोग सबसे ज्यादा परेशान होते हैं वो है सर्दी, खांसी और जुकाम। कुछ लोग इसे झटपट ठीक करने के लिए दवाइयां खाना शुरू कर देते हैं तो कुछ लोग इसके लिए घरेलू उपाय या फिर आयुर्वेदिक नुस्खे खोजते हैं। फिलहाल सुबह-शाम की ठंड है और दिनभर तेज धूप से गर्मी रहती है। इस ठंड को सबसे खतरनाक माना जाता है क्योंकि इस दौरान बॉडी टेम्प्रेचर को बदलने में देरी नहीं लगती है. इस मौसम में इम्यून सिस्टम के कमजोर होने का ज्यादा खतरा होता है। ऐसे में अगर आप भी बिना दवाई के सर्दी जुकाम से छुटकारा पाना चाहते हैं तो फिर आयुर्वेदिक नुस्खे अपना सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।

नमक का गरारा
अगर आपको सर्दी जुकाम हुआ है तो सबसे पहले उसे सही करने के लिए नमक का गरारा करना शुरू कर दें। इससे न केवल गले की खराश सही होती है बल्कि सूजन को ठीक करने के लिए भी ये असरदार है. एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक डालकर गरारा करें. इससे गले की सूजन और खराश में तुरंत आराम मिलेगा।

स्टीम लेना
सर्दी-जुकाम में अक्सर लोगों की नाक बंद हो जाती है. ऐसे में सांस लेने में दिक्कत होती है. इसे सही करने के लिए गरम पानी से स्टीम लेना बहुत फायदेमंद है. आप अपनी चेहरे के पास गरम पानी का बर्तन रखकर उसका भाप लें, इससे नाक और गला साफ होता है और आराम मिलता है।

हल्दी वाला दूध
बिना दवाई के सर्दी जुकाम से छुटकारा पाने के लिए हल्दी वाला दूध पीना शुरू करें. हल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो सर्दी-जुकाम को दूर करने में मदद करते हैं। एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर पीने से गले में राहत मिलती है और सर्दी जल्दी ठीक होती है।

तुलसी और अदरक
आपको सर्दी लगी है तो सबसे पहले  तुलसी और अदरक का सेवन शुरू कर दें. तुलसी में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो इन्फेक्शन से लडऩे में मदद करते हैं. तुलसी के पत्तों और अदरक का काढ़ा बनाकर पीने से शरीर में गरमी बनी रहती है और जुकाम में आराम मिलता है।

अदरक और शहद
सर्दी-जुकाम को सही करने में अदरक और शहद असरदार हैं. अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो को जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं। एक चम्मच अदरक का रस और शहद मिलाकर दिन में 2-3 बार सेवन करें. इससे खांसी, गले की खराश और नाक बंद होने जैसी समस्याएं जल्दी ठीक होती हैं।

(आर एन एस )

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टाइफाइड में जल्दी ठीक होने के लिए क्या खाना चाहिए? जानिए किन चीजों से करें परहेज https://ctnews.in/what-should-one-eat-to-recover-quickly-from-typhoid-know-which-things-to-avoid/ https://ctnews.in/what-should-one-eat-to-recover-quickly-from-typhoid-know-which-things-to-avoid/#respond Mon, 09 Dec 2024 08:16:43 +0000 https://ctnews.in/?p=4206

टाइफाइड से रिकवर होने के लिए दवा के साथ-साथ डाइट का भी बहुत ख्याल रखने की जरूरत होती है. टाइफाइड साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है. यह एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है. टाइफाइड फीवर संक्रमित व्यक्ति से एक स्वस्थ व्यक्ति में भी फैल सकता है. इसकी वजह से लोगों को  पेट में दर्द, सूखी खांसी, सिरदर्द, शरीर में दर्द और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

अगर वक्त रहते इस बीमारी का पता चल जाए तो वक्त से पहले रिकवर हो सकते हैं. इसके लिए आपको अपने खानपान का भी विशेष ध्यान रखना होगा. आइए जानते हैं टाइफाइड में जल्दी ठीक होने के लिए क्या खाना चाहिए?  टाइफाइड में क्या परहेज करना चाहिए? या फिर टाइफाइड में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?

टाइफाइड में रोटी नहीं खाना चाहिए या नहीं?
डॉक्टर्स के मुताबिक टाइफाइड में रोटी खाने से तबीयत बिगड़ सकती है. क्योंकि टाइफाइड पेट से जुड़ी बीमारी है, जिसमें भारी भोजन करने की सलाह नहीं दी जाती है. खासकर जिनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, वैसे भोजन से बचने की सलाह दी जाती है. रोटी में फाइबर की मात्रा बहुत होती है और ये पचने में भी भारी होता है।

मसालेदार खाना न खाएं
टाइफाइड फीवर में मसालेदार खाने से परहेज करना  चाहिए. क्योंकि टाइफाइड में डाइजेस्टिव सिस्टम कमजोर हो जाता है. ऐसे में तला-भुना या मसालेदार भोजन खाने से पेट की समस्या और ज्यादा बढ़ जाती हैं. टायफाइड में आसानी से डाइजेस्ट होने वाला भोजन खाएं जैसे खिचड़ी, दलिया, सूप, उबले चावल आदि।

कच्चे फल और सब्जियां न खाएं
टाइफाइड फीवर में कच्चे फल और सब्जियां नहीं खाना चाहिए. लेट्यूस और जामुन जैसे फल जिन्हें छील नहीं सकते हैं उनको खाने से परहेज करें. अगर आप फलों का सेवन करना चाहते हैं तो आप केले, एवोकाडो और संतरे को बेहतर विकल्प के रुप में उपयोग कर सकते हैं।

टाइफाइड में क्या खाना चाहिए?
टाइफाइड में जल्दी रिकवर होने के लिए  कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने चाहिए. क्योंकि टाइफाइड बुखार के दौरान बॉडी का एनर्जी लेवल खत्म हो जाता है, इसीलिए खाने में दलिया, फ्रूट कस्टर्ड, बॉयल्ड एग, शहद और उबले हुए चावल जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

टाइफाइड में दूध पी सकते हैं क्या?
टाइफाइड में जल्दी ठीक होने के लिए ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए. फीवर में शरीर में पानी की बहुत कमी हो जाती है, ऐसे में आपको डिहाइड्रेशन से बचने के लिए अधिक मात्रा में पानी या पेय पदार्थों का सेवन करना बेहद जरूरी होता है. आप पेय पदार्थों में नारियल पानी, नींबू पानी, सूप और फलों के जूस का सेवन कर सकते हैं।

(आर एन एस)

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सर्दियों में रोजाना खाएं अमरूद, इन बीमारियों से रहेंगे दूर https://ctnews.in/eat-guava-every-day-in-winters-you-will-stay-away-from-these-diseases/ https://ctnews.in/eat-guava-every-day-in-winters-you-will-stay-away-from-these-diseases/#respond Sat, 07 Dec 2024 06:20:13 +0000 https://ctnews.in/?p=4175

सर्दियों के मौसम में रोजाना फल का सेवन करना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट भी नियमित फल खाने की सलाह देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक फल ऐसा है जिसको सर्दियों में रोज खाने से बीमारियों दूर रहती हैं. इस फल का स्वाद बेहद लाजवाब होता है. जिसका नाम अमरूद है।

अन्य फलों के मुताबिक अमरूद में कई गुना अधिक प्रोटीन और फाइबर होता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, सर्दियों के मौसम में अमरूद खाने से पाचन तंत्र तो स्वस्थ रहता ही है साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करते हैं. आइए जानते हैं कि सर्दियों मौसम में अमरूद खाने से सेहत के फायदों के बारे में…

सर्दियों मौसम में अमरूद खाने अनगिनत फायदेब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखता है
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, सर्दियों के मौसम में अमरूद खाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और पॉलीफेनोल्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो रक्त की मात्रा को कम करने में मदद करते हैं. जो मूत्र में तरल पदार्थ को कम करता है और इससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।

कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखता है
सर्दियों के मौसम में अमरूद खाना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. अमरूद में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है. अमरूद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट के कारण यह एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के अच्छे स्तर को बनाए रखता है. जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखता है।

त्वचा के लिए फायदेमंद
सर्दियों में गुलाबी या लाल अमरूद खाना स्किन के लिए बेहद फायदेमंद होता है क्योंकि अमरूद में लाइकोपीन भरपूर मात्रा में होता है, जो त्वचा को सूरज की पराबैंगनी किरणों से होने वाले नुकसान से बचाने में रक्षा करता है।

(आर एन एस)

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योगा और रनिंग से कितना अलग है वर्कआउट, जान लीजिए ये कितना जरूरी https://ctnews.in/how-different-is-workout-from-yoga-and-running-know-how-important-it-is/ https://ctnews.in/how-different-is-workout-from-yoga-and-running-know-how-important-it-is/#respond Mon, 02 Dec 2024 08:47:17 +0000 https://ctnews.in/?p=4156

योग और रनिंग, दोनों अलग-अलग तरह के होते हैं. योग के फायदे आपको धीरे-धीरे दिखाई देते हैं. यह एक व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद जरूरी होता है। इससे मोटापा, डायबिटीज़, अस्थमा, और हार्ट से जुड़ी बीमारियों का जोखिम कम होता है। योग से स्ट्रेस, एंग्ज़ायटी, और डिप्रेशन जैसी बीमारियों का जोखिम कम होता है. इससे मानसिक और शारीरिक बैलेंस बना रहता है।

रनिंग करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन काफी तेज होता है और मांसपेशियां मज़बूत होती हैं. रनिंग से कैलोरी और फ़ैट बर्न दोनों होता है और मोटापा कम होता है। रनिंग से दिल भी बेहतर रहता है. रनिंग से पहले योग से वार्म-अप किया जा सकता है और रनिंग के बाद योग से कूल-डाउन किया जा सकता है. रनिंग और योग के बीच चुनाव आपकी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं और फि़टनेस लक्ष्यों पर निर्भर करता है। अगर आप वजऩ कम करना चाहते हैं और मांसपेशियों को बढ़ाना चाहते हैं, तो जिम ट्रेनिंग करना बेहतर है।

वर्कआउट यानी एक्सरसाइज हम सभी के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी है. वहीं, वर्कआउट न करना और ज़रूरत से ज़्यादा कर लेना शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए आज हम बात करेंगे कि एक व्यक्ति का कितनी देर वर्कआउट करना काफी माना जाता है।

एक दिन में कितनी एक्सरसाइज़ है काफी
रोज़ाना वर्कआउट न सिर्फ आपको मोटापे से बचाता है, बल्कि पाचन के साथ इम्यून सिस्टम को मज़बूती देता है और तनाव को भी दूर रखता है। इसमें तो कोई दो राय नहीं कि आप शरीर को जितना चलाएंगे उतने ही अच्छे प्रभाव देखेंगे। वर्कआउट आप कई तरीके से कर सकते हैं- जैसे जॉगिंग, दौड़, योग, डांस या फिर साइकलिंग. आप चाहे कोई भी एक्सरसाइज़ करें इससे आपकी मांसपेशियां मज़बूत होंगी और मूड में भी सुधार आएगा।

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सर्दियों में ज्यादा ठंड लगना इस विटामिन की कमी का है संकेत, भूलकर भी न करें इसे नजरंदाज https://ctnews.in/feeling-too-cold-in-winter-is-a-sign-of-deficiency-of-this-vitamin-do-not-ignore-it-even-by-mistake/ https://ctnews.in/feeling-too-cold-in-winter-is-a-sign-of-deficiency-of-this-vitamin-do-not-ignore-it-even-by-mistake/#respond Sun, 01 Dec 2024 06:39:29 +0000 https://ctnews.in/?p=4120

देश के कई राज्यों में सर्दी की शुरुआत हो चुकी है. इस मौसम में खुद को ठंड बचाए रखना बेहद जरूरी होता है. लेकिन यह सामान्य बात है कि सर्दी के मौसम में ठंड लगना. वहीं, अगर सर्दी के मौसम में आपको अधिक ठंड महसूस हो रहा है, तो यह स्वास्थ्य के लिए के सही नहीं है. ज्यादा ठंड महसूस होना इस बात का संकेत है कि आपके शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो रही है. सर्दी के मौसम में आपके शरीर में विटामिन-डी अहम भूमिका निभाता है, जिसकी कमी होने से शरीर में ज्यादा ठंड लगने लगती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि विटामिन डी हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है. इसकी कमी से रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है. इस विटामिन की कमी से जोड़ों में कमजोरी का कारण बनता है. इस विटामिन की कमी से शरीर में ठंड अधिक लगती है. विटामिन-डी की कमी के शुरुआती लक्षण थकान, कमजोरी, जोड़ों में दर्द, जोड़ों में दर्द और ऐंठन के साथ-साथ लगातार ठंड लगना और सिरदर्द जैसे समस्याओं होता हैं।

इन पोषक तत्वों की कमी से लगती है ठंड-
विटामिन बी-12
विटामिन बी-12 एक ऐसा तत्व है, जिसकी वजह से शरीर में खून की कमी हो जाती है. विटामिन बी-12 की कमी से डीएनए के विकास में भी बाधा आती है. साथ ही शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति भी प्रभावित होती है. अगर शरीर में विटामिन बी-12 की कमी हो जाए तो इसकी वजह से भी सर्दी के मौसम में आपको अधिक ठंड लगती है।
आयरन
हमारे शरीर में आयरन हीमोग्लोबिन बढ़ाने का भी काम करता है.विशेषज्ञों का कहना है कि खून की कमी के कारण व्यक्ति को सबसे ज्यादा सर्दी महसूस करता है. आयरन की कमी से भी रक्त संबंधी रोग हो सकते हैं. इसकी कमी से सर्दी ज्यादा लगती है।

 

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क्या कॉफी का सेवन वजन घटाने में सहायक है? जानिए कितनी मात्रा में पिएं https://ctnews.in/is-drinking-coffee-helpful-in-weight-loss-know-how-much-to-drink/ https://ctnews.in/is-drinking-coffee-helpful-in-weight-loss-know-how-much-to-drink/#respond Wed, 25 Sep 2024 17:19:36 +0000 https://ctnews.in/?p=3876

कई लोग अपने दिन की शुरुआत एक कप कॉफी के साथ करते हैं, जो उन्हें दिनभर तरोताजा रखने में मदद कर सकती है।इसके साथ ही कॉफी पीने के बाद कुछ लोगों को भूख में कमी भी महसूस होती है। अब कुछ लोग वजन घटाने के लिए भी कॉफी पीते हैं।जी हां, कई लोगों का मानना है कि कॉफी का सीमित सेवन वजन घटाने में मदद कर सकता है।आइए जानें कि एक दिन में कितनी कॉफी पीनी चाहिए।

कॉफी वजन घटाने में कैसे मदद कर सकती है?
कॉफी में मौजूद कैफीन से शरीर की केंद्रीय तंत्रिका तंत्र उत्तेजित होता है, जो मेटाबॉलिज्म दर को बढ़ा सकता है और इससे कैलोरी जलाने में मदद मिल सकती है।कॉफी में भूख को कम करने की भी क्षमता होती है, जिससे अतिरिक्त खाने से बचा जा सकता है।इस पेय में मौजूद कैफीन की मात्रा शारीरिक प्रदर्शन को बेहतर बना सकती है और कसरत की प्रभावशीलता को बढ़ा सकती है, जिससे अधिक कैलोरी जलाना आसान हो सकता है।

कॉफी का सेवन करना किन लोगों के लिए सुरक्षित है और किसके लिए नहीं?
स्वस्थ वयस्क कॉफी का सेवन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त कसरत करने वाले भी इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। कमजोर मेटाबॉलिज्म वाले भी कॉफी का सेवन कर सकते हैं।वहीं गर्भवती महिलाओं को कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि कैफीन का उच्च स्तर गर्भावस्था की जटिलताओं से जुड़ा हुआ है।नींद की समस्या से ग्रस्त लोग भी कॉफी न पिएं। हृदय रोग, उच्च रक्तचाप समेत एसिड रिफ्लक्स वालों के लिए भी कॉफी पीना सही नहीं है।

कॉफी कितनी मात्रा में पीनी चाहिए?
स्वस्थ वयस्कों के लिए प्रतिदिन 2 से 3 कप कॉफी पीना सुरक्षित है।वहीं वजन घटाने वाले रोजाना 2 कप कॉफी पिएं और ध्यान रखें कि इसमें चीनी और क्रीम नहीं मिलानी है और कम से कम दूध को मिलाएं।अगर आपकी गर्भावस्था स्वस्थ है तो अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार गर्भवती महिलाएं एक कप कॉफी का सेवन कर सकती हैं। इससे ज्यादा कॉफी का सेवन उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।

कॉफी के स्वास्थ्यवर्धक विकल्प
अगर आप कैफीन के सेवन के कारण कॉफी नहीं पीते हैं, लेकिन इससे मिलने वाले लाभ को प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके स्वास्थ्यवर्धक विकल्पों को आजमाएं।कॉफी की जगह ग्रीन टी पी जा सकती है। एक कप ग्रीन टी में एक कप कॉफी की तुलना में कैफीन की मात्रा लगभग आधी होती है।इसके अतिरिक्त माचा टी और सेब का सिरका पानी में मिलाकर भी पिया जा सकता है।

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जीभ से कैसे पता चलती है बीमारी, आप भी शीशे में देखकर लगा सकते हैं पता https://ctnews.in/how-can-a-disease-be-detected-by-the-tongue-you-can-also-find-out-by-looking-in-the-mirror/ https://ctnews.in/how-can-a-disease-be-detected-by-the-tongue-you-can-also-find-out-by-looking-in-the-mirror/#respond Sun, 22 Sep 2024 02:09:18 +0000 https://ctnews.in/?p=3840

बीमारी होने पर जब आप डॉक्टर को दिखाने जाते हैं तो वो सबसे पहले आपकी जीभ देखते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा डॉक्टर जीभ क्यों देखा करते हैं. दरअसर, हमारी जीभ कई बीमारियों को पहले ही बता देती है. आप खुद भी जीभ में होने वाले बदलावों को देखकर पता कर सकते हैं कि आपको कोई बीमारी तो नहीं होने वाली है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर जीभ किसी बीमारी का संकेत दे रहा है तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि कई बार यह गंभीर भी हो सकता है।

सफेद छाले होना
जीभ पर सफेद छाले होना बताता है कि पेट में गड़बड़ी है. पाचन में दिक्कत होने के बाद कई बार जीभ पर लाल या सफेद छाले हो जाते हैं. इसका इलाज तुरंत कराना चाहिए, इसे कभी भी इग्नोर नहीं करना चाहिए।

जीभ पर पीले रंग की कोटिंग
अगर जीभ पर सफेद रंग की हल्की सी कोटिंग है तो इसका मतलब आप हेल्दी हैं लेकिन अगर यही कोटिंग पीले रंग की है तो सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि पीले रंग की हल्की मोटी कोटिंग यीस्ट इंफेक्शन की तरफ इशारा करती है।

ज्यादा सॉफ्ट जीभ
अगर जीभ का रंग गाढ़ा लाल है या वह काफी मुलायम महसूस हो रही है तो इसका मतलब है कि शरीर में विटामिन बी12 और आयरन की कमी है. इसकी जानकारी डॉक्टर के पास जाकर लेनी चाहिए।

गहरी लाल रंग की जीभ
जीभ का गहरा लाल होना इंफेक्शन का लक्षण हो सकता है. कई बार कावासाकी बीमारी या लाल बुखार की वजह से भी ऐसा हो सकता ै. अगर यह हल्की सफेद नजर आए तो एनीमिया का संकेत हो सकता है।

लाल जीभ पर सफेज स्पॉट
तंबाकू, सुपाड़ी खाने वालों की जीभ पर सफेद स्पॉट पड़ जाते हैं. कई बार ज्यादा तला भुना खाने से एसिड की मात्रा बढ़ जाती है और ऐसा हो सकता है. अगर एक दो हफ्ते बाद भी यह खत्म न हो तो तुरंत डॉक्टर से जाकर मिलना चाहिए।

जीभ चिकनी होना
जीभ का ऊपरी हिस्सा हल्का खुरदुरा होता है. अगर यह अचानक से चिकना हो जाए तो विटामिन की कमी के लक्षण हो सकते हैं. शरीर में पोषक तत्वों की कमी की वजह से भी ऐसा हो सकता है।

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स्वास्थ्य विभाग को और मिले 197 सीएचओ https://ctnews.in/health-department-gets-197-more-chos/ https://ctnews.in/health-department-gets-197-more-chos/#respond Sat, 07 Sep 2024 13:57:36 +0000 https://ctnews.in/?p=3722

उत्तराखंड मेडिकल यूनिवर्सिटी ने जारी किया परीक्षाफल

देहरादून। सूबे के स्वास्थ्य विभाग को और 197 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) मिल गये हैं। एच0एन0बी0 उत्तराखंड मेडिकल यूनिवर्सिटी ने द्वितीय चरण की काउंसलिंग के उपरांत चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी कर दी है। इन सभी चयनित सीएचओ की शीघ्र ही प्रदेशभर के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में तैनाती दी जायेगी।

सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तारीकरण के दृष्टिगत राज्य सरकार ने प्रदेशभर के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) में शत-प्रतिशत सीएचओ की तैनाती करने का लक्ष्य रखा है। जिसके क्रम में स्वास्थ्य विभाग को 197 और सीएचओ मिल गये हैं। स्वास्थ्य विभाग की मांग पर एच0एन0बी0 उत्तराखंड मेडिकल यूनिवर्सिटी ने सीएचओ के 238 पदों के लिये द्वितीय चरण काउंसलिंग आयोजित कर 197 अभ्यर्थियों की अंतिम चयन सूची जारी कर दी है। जिनको शीघ्र ही जनपदवार रिक्त पदो के सापेक्ष तैनाती दी जायेगी।

चयनित अभ्यर्थियों में से अल्मोड़ा जनपद में 16, बागेश्वर 17, चमोली 16, चम्पवात 5, देहरादून 40, हरिद्वारा 22, नैनीताल 14, पौड़ी गढ़वाल 31, पिथौरागढ़ 12, रूद्रप्रयाग 2, टिहरी 1, ऊधमसिंह नगर 15 तथा उत्तरकाशी हेतु 6 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। विभाग द्वारा गत वर्ष 1683 पदों के सापेक्ष 1515 सीएचओ की तैनाती की गई थी, जिसमें से कुछ अभ्यर्थियों का चयन नर्सिंग अधिकारी के पद पर हो जाने से सीएचओ के पद रिक्त हो गये थे। ऐसे में विभाग ने विश्वविद्यालय को सीएचओ के रिक्त पदो ंके भरने के लिये द्वितीय चरण की काउंसलिंग करने की जिम्मेदारी सौपी थी। स्वास्थ्य विभाग को नये सीएचओ मिलने से आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी।

विभाग को 197 और सीएचओ मिलने से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं और बेहतर होगी। सरकार का लक्ष्य सभी 1683 पदों के सापेक्ष सीएचओ की तैनाती कर आम लोगों को स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना है। सभी चयनित सीएचओ को बधाई, उम्मीद है सभी अपने कार्य एवं दायित्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करेंगे।

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