♣♣ नई दिल्ली ♣♣
बड़े पैमाने पर पुलिस बल में सुधार योजना (एमपीएफ) को जारी रखने के लिए केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने 2025-26 तक पांच साल के लिए 26,275 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि योजना में जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों व नक्सली इलाकों में सुरक्षा संबंधी खर्च; नई बटालियनों का गठन, हाई-टेक फोरेंसिक प्रयोगशालाओं का विकास और जांच की अन्य सुविधाएं शामिल हैं।
बयान के मुताबिक, उपरोक्त मंजूरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस बलों के आधुनिकीकरण व कामकाज में सुधार की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पहल को आगे बढ़ाती है। इस योजना में आंतरिक सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और पुलिस द्वारा आधुनिक प्रौद्योगिकी अपनाने का प्रविधान किया गया है। देश में मजबूत फोरेंसिक व्यवस्था का विकास करके मादक द्रव्यों के नियंत्रण और आपराधिक न्याय प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए राज्यों को सहायता भी प्रदान की जाएगी।
जम्मू-कश्मीर, उग्रवाद प्रभावित पूर्वोत्तर राज्यों और नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा से जुड़े खर्च के लिए 18,839 करोड़ रुपये का केंद्रीय आवंटन किया गया है। राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए केंद्र सरकार 4,846 करोड़ रुपये देगी। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वैज्ञानिक और समयबद्ध जांच में सहायता के लिए स्वतंत्र उच्च गुणवत्ता वाली फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के विकास के लिए 2,080.50 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
यान के मुताबिक, नक्सलवादियों या वामपंथी चरमपंथियों से लड़ने के लिए राष्ट्रीय नीति और कार्ययोजना लागू करने से नक्सली हिंसा की घटनाओं में तेजी से कमी आई है। इन उपलब्धियों को आगे बढ़ाने के लिए 8,689 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ नक्सलवादियों से जुड़ी छह योजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई है।
इन योजनाओं में नक्सलवाद से सर्वाधिक प्रभावित जिलों और चिंता वाले जिलों के लिए विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) शामिल है। इंडिया रिजर्व बटालियन या स्पेशलाइज्ड इंडिया रिजर्व बटालियनों के गठन के लिए 350 करोड़ का केंद्रीय आवंटन किया गया है। मादक द्रव्यों के नियंत्रण में राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश की सहायता के लिए केंद्रीय योजना के तहत 50 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।