उत्तराखंड, देहरादून :———————————-
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि उत्तराखंड में पांच साल में जनता की उम्मीदें टूटी हैं। भाजपा सरकार ने कुछ नहीं किया। केंद्र और राज्य के डबल इंजन को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से इंजन ही ठप हो गया। आम बजट में भी गरीबों, मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं किया गया। हीरे के दाम कम हुए, लेकिन दवा के दाम बढ़ाए गए हैं। इन हालात में जनता को आंखें खोलनी ही होंगी।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र ‘उत्तराखंडी स्वाभिमान प्रतिज्ञा पत्र’ जारी किया। घोषणापत्र में जनता से लुभावने वायदों की झड़ी लगाई गई है। कैनाल रोड स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में पार्टी की वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकारों पर तीखे हमले बोले। वर्चुअल रैली से राज्य के 70 विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ा गया था। उत्तराखंड, विशेष रूप से देहरादून के साथ अपने भावनात्मक रिश्ते का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनके पिताजी और चाचा जी ने यहीं शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने और उनके भाई भी यहां पढ़े हैं। अब उनके बेटे ने भी यहां पढ़ाई की है। कई पीढिय़ों से इस प्रदेश में आ रहे हैं। उत्तराखंड की सुंदरता और प्रकृति को देखकर हमेशा खुशी मिलती है। अब देवभूमि में जिस तरह सरकार चल रही है, उसे देखकर दुख होता है। जिस उम्मीद से जनता ने समर्थन दिया, उसे तोड़ दिया गया है। जहां-जहां वह गईं, वहां हालत देखकर कष्ट हुआ।
कांग्रेस सरकारों का ही दिखता है काम
उन्होंने कहा कि राज्य में जो काम पहले कांग्रेस की सरकारों ने किया, वही आज दिखता है। चुनाव आता है तो बड़ी-बड़ी घोषणाएं होती हैं। जो परियोजनाएं पांच साल से शुरू नहीं की गईं, उनका उद्घाटन अब यह दिखाने के लिए किया जा रहा है कि बड़े-बड़े कार्य किए गए हैं। कांग्रेस की ओर से किए गए वायदों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब हम घोषणा करते हैं तो सवाल उठाए जाते हैं। यह कहा जाता है कि घोषणाओं को पूरा करने के लिए पैसा कहां से लाएंगे।
राज्य में हर पांच घंटे में महिला से अत्याचार
सरकार अपने प्रचार पर बेतहाशा खर्च कर रही है, लेकिन जनता की समस्याओं के समाधान के लिए पैसा नहीं है। सच्चाई यह है कि सरकार की नीयत सही नहीं है। वह चाहते तो जनता को राहत दे सकते थे। महिलाएं बहुत परेशान हैं। ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं, के नारे से महिलाएं खुश होती हैं। परिवार का सबसे ज्यादा बोझ महिलाओं पर पड़ता है। कोरोना की वजह से भी उन पर बोझ बढ़ा। राजनीतिक पार्टियां महिलाओं की बात नहीं करतीं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हर पांच घंटे में महिलाओं पर अत्याचार होते हैं। दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में प्रसव के दौरान उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है।
सत्ता में जनता ने ही बिठाया
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्त्ताओं का मानदेय नहीं बढ़ाया गया। पांच साल में सरकार ने क्या सुविधाएं दी हैं, यह सोचना होगा। चुनाव के मौके पर धर्म और जाति की बात की जाएगी, लेकिन रोजगार की बात नहीं की जाती। आज बीएचईएल समेत बड़े-बड़े उद्योग बंद किए जा रहे हैं। गिने-चुने बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। कांग्रेस जब 500 रुपये का रसोई गैस सिलिंडर देने का वायदा करती है तो यह भी सोचना चाहिए कि यह परिस्थिति क्यों आई। यह काम सरकार को करना चाहिए था। कांग्रेस यह वायदा कर जनता पर अहसान नहीं कर रही है। जो सत्ता में बैठा है, उसे जनता ने ही बिठाया है। महंगाई, बेरोजगारी को देखकर लग रहा है कि सरकार ने क्या किया।
जनता तय करे, तब ही होगा परिवर्तन
उन्होंने कहा कि कांग्रेस तब ही परिवर्तन ला सकती है, जब जनता तय करेगी। कांग्रेस ने घोषणाएं की हैं तो उसका ट्रेक रिकार्ड देखा जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के तीन घंटे के बाद ही किसानों के ऋण माफ किए गए। जनता के सामने कांग्रेस एक मजबूत विकल्प है। पिछले पांच सालों में कांग्रेस के लोग जनता के साथ खड़े रहे हैं। जाति, धर्म की बात पर न बहकें। उत्तराखंड के व्यक्तियों को स्वाभिमान को भूलना नहीं चाहिए। एक मतदाता के रूप में अपना हक मांगें, तब ही देश आगे बढ़ेगा। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, सहप्रभारी दीपिका पांडेय सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो गौरव वल्लभ, मुख्य चुनाव पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश समेत तमाम नेता मौजूद रहे।
कांग्रेस घोषणापत्र के प्रमुख बिंदु
-रसोई गैस सिलिंडर के दाम नहीं होंगे 500 रुपये के पार, सरकार करेगी भरपाई
-चार लाख युवाओं को देंगे रोजगार
-पांच लाख परिवारों को देंगे सालाना 40 हजार रुपये
-स्वास्थ्य सुविधाएं हर गांव, हर द्वार
-सरकार बनने पर पहले वर्ष 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, इसके बाद चरणबद्ध तरीके से बढ़ाई जाएगी छूट