CT News https://ctnews.in News Portal Sat, 17 May 2025 08:53:53 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://ctnews.in/wp-content/uploads/2024/07/cropped-CT_NEWS_LOGO-32x32.png CT News https://ctnews.in 32 32 मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सिंचाई विभाग की चेक डैम योजनाओं की समीक्षा की https://ctnews.in/chief-secretary-anand-bardhan-reviewed-the-check-dam-schemes-of-the-irrigation-department/ https://ctnews.in/chief-secretary-anand-bardhan-reviewed-the-check-dam-schemes-of-the-irrigation-department/#respond Sat, 17 May 2025 08:53:53 +0000 https://ctnews.in/?p=56777

1 करोड़ से कम लागत वाले प्रस्ताव जिला स्तर पर निस्तारित होंगे

देहरादून :- मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में सिंचाई विभाग द्वारा जल संरक्षण हेतु बनाये जा रहे चेक डैम की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण (SARRA) के अंतर्गत प्रदेश में सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग द्वारा तैयार किए जा रहे चेक डैम प्रस्तावों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि चेक डैम्स की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में चेक डैम की बनाए जाने की दिशा में कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि 1 करोड़ से कम धनराशि वाले प्रस्तावों को जिला स्तर पर ही निस्तारित किया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि पेयजल की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल निगम एवं जल संस्थान को इसमें शामिल किया जाए। जल संस्थान एवं पेयजल निगम से भी पानी की कमी वाले स्थानों को चिह्नित कर उन स्थानों के लिए प्रस्ताव तैयार किए जाएं। उन्होंने इसकी जॉइन्ट रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि जिन प्रस्तावों की डीपीआर तैयार हो गयी है उनके शासनादेश शीघ्र जारी किए जाएं। प्रत्येक प्रस्ताव के लिए ईसी, एफसी, टीएसी एवं ईएफसी आदि संस्तुतियों के लिए समयसीमा निर्धारित करते हुए कैलेण्डर भी तैयार किया जाए एवं निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण कराए जाएं।

सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि प्रदेश की विभिन्न जनपदों में बैराज एवं चैक डैम बनाए जाने का कार्य गतिमान है। उन्होंने कहा कि नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून एवं पौड़ी में जलाशयों का निर्माण कार्य गतिमान है। कहा कि वर्ष 2024-25 में प्रदेश में प्रथम वरीयता के कुल 111 स्रोतों को प्राथमिकता पर लिया गया, जिनमें से 105 पर कार्य पूर्ण कर लिया गया है, 06 स्रोतों पर कार्य गतिमान है। वर्ष 2025-26 के लिए 124 कार्य प्रस्तावित हैं, जिनकी डीपीआर तैयार करने के साथ ही प्राक्कलन गठन की कार्यवाही गतिमान है।

इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण श्रीमती नीना ग्रेवाल, सिंचाई विभाग से जयपाल सिंह एवं लघु सिंचाई से बृजेश कुमार तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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धामी सरकार की सख्ती, डेंगू पर सभी विभाग होंगे एकजुट, स्वास्थ्य सचिव ने जारी की एडवाइजरी https://ctnews.in/dhami-governments-strictness-all-departments-will-be-united-on-dengue-health-secretary-issued-advisory/ https://ctnews.in/dhami-governments-strictness-all-departments-will-be-united-on-dengue-health-secretary-issued-advisory/#respond Fri, 25 Apr 2025 03:51:48 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=42715

डेंगू रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने जारी की एडवाइजरी

डेंगू नियंत्रण में सभी विभागों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण

देहरादून। राज्य में डेंगू की रोकथाम को लेकर चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग पूरी तरह सक्रिय है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशों के क्रम में सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ.आर.राजेश कुमार ने डेंगू से बचाव हेतु सभी संबंधित विभागों को एडवाइजरी जारी की है। स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि डेंगू का मच्छर साफ जमा हुए पानी में पनपता है। यदि समय रहते ऐसे स्थलों की पहचान कर ली जाए जहां पानी एकत्र हो सकता है और उसे हटाया जाए, तो डेंगू को फैलने से रोका जा सकता है।

इसी दृष्टिकोण से उन्होंने सभी संबंधित विभागों को एडवाइजरी प्रेषित की है, जिसमें यह कहा गया है कि डेंगू नियंत्रण में सभी विभागों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। एडवाइजरी में अंतरविभागीय समन्वय के साथ समन्वित प्रयास करने पर ज़ोर दिया गया है। एडवाइजरी प्राप्त करने वाले विभागों में शहरी विकास, नगर निगम/नगर पालिकाएं, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, शिक्षा, सूचना, आपदा प्रबंधन, सिंचाई, कृषि, महिला एवं बाल विकास, परिवहन, मौसम विभाग, पर्यटन, वन एवं जलापूर्ति विभाग प्रमुख रूप से शामिल हैं।

स्वास्थ्य सचिव ने की बैठक 

उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक में कहा, “हमारी प्राथमिकता डेंगू के मामलों को घटाना और नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। डेंगू मच्छर, विशेषकर एडिस एजिप्टी, घरों के आस-पास पानी जमा होने वाली जगहों पर प्रजनन करते हैं, इसलिए इन स्थानों का सफाई और निगरानी करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।” डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि यह समय सामूहिक जिम्मेदारी निभाने का है ताकि राज्य को डेंगू मुक्त बनाया जा सके। सभी विभागों से अपेक्षा की गई है कि वे अपने-अपने स्तर से सतर्कता एवं जागरूकता फैलाएं और संभावित मच्छरजनित स्थलों की नियमित निगरानी करें।स्वास्थ्य सचिव ने विभिन्न विभागों को डेंगू की रोकथाम के लिए संयुक्त प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नगर निगम, ग्रामीण विकास विभाग, शिक्षा विभाग, जल निगम, और अन्य विभागों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन स्थानों की सफाई सुनिश्चित करें और नागरिकों को इस बाबत जागरूक करें।

समूह आधारित स्वच्छता अभियान और निगरानी

उत्तराखंड में डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए विभिन्न विभागों के समन्वित प्रयास चल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हर जिले में मच्छरों के उत्पत्ति स्थानों की पहचान कर उन्हें नष्ट कर रहे हैं। इसके अलावा, शहरी विकास विभाग द्वारा निर्माण स्थलों, पुराने टायरों, खाली प्लॉटों और पानी के जमा होने वाले स्थानों की सफाई की जा रही है। नगर निगम और ग्रामीण विकास विभाग के साथ मिलकर स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें घरों और सार्वजनिक स्थानों से पानी के किसी भी प्रकार के संचय को रोकने पर जोर दिया जा रहा है। पानी की टंकियों, कूलरों और बर्तन आदि को सप्ताह में कम से कम एक बार साफ करने की सलाह दी जा रही है।

शिक्षा विभाग का योगदान : छात्रों के माध्यम से जागरूकता

शिक्षा विभाग ने स्कूलों के माध्यम से छात्रों को डेंगू के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान शुरू किया है। छात्र घर जाकर अपने परिवार को डेंगू से बचाव के उपायों के बारे में जानकारी देंगे। स्कूलों में विशेष रूप से सेहत और स्वच्छता पर आधारित पाठ्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि बच्चों के माध्यम से गांव और शहरों में व्यापक जागरूकता फैलाई जा सके।

जल निकासी और कचरा प्रबंधन

सिंचाई और जल निगम विभाग द्वारा जल निकासी की प्रक्रिया को दुरुस्त किया जा रहा है ताकि वर्षा के पानी के जमा होने से मच्छरों के प्रजनन स्थल न बनें। कचरा प्रबंधन में भी सुधार किया जा रहा है ताकि मच्छरजनित बीमारियों से निपटा जा सके। इसके तहत कचरे के उचित निस्तारण और खुले स्थानों पर जल भराव की रोकथाम पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

जन भागीदारी और मीडिया का सहयोग

जन जागरूकता अभियान के तहत, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा टेलीविजन, रेडियो और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से डेंगू से बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है। मच्छरों के प्रजनन स्थानों को नष्ट करने के लिए नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है और उनका सक्रिय सहयोग प्राप्त किया जा रहा है।साथ ही, जनप्रतिनिधियों और पंचायतों से भी अपील की गई है कि वे स्थानीय स्तर पर मच्छरों के प्रजनन स्थानों की पहचान करके उनकी सफाई करें और नागरिकों को डेंगू के बारे में जागरूक करें।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष स्वास्थ्य अभियान

स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पतालों और क्लीनिकों में डेंगू के मामलों की पहचान और उपचार के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। रोगियों को इलाज के साथ-साथ डेंगू के लक्षण और बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम घर-घर जाकर मच्छरों के प्रजनन स्थल की पहचान कर रही है और उन्हें नष्ट कर रही है।

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प्रदेश के सभी विद्यालयों में इसी सत्र से बैगलेस-डे लागू – डॉ. धन सिंह रावत https://ctnews.in/bagless-day-will-be-implemented-in-all-the-schools-of-the-state-from-this-session-dr-dhan-singh-rawat/ https://ctnews.in/bagless-day-will-be-implemented-in-all-the-schools-of-the-state-from-this-session-dr-dhan-singh-rawat/#respond Fri, 25 Apr 2025 03:48:15 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=42712

ब्लॉक, जनपद व राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी नामित योजना की करेंगे मॉनीटिरिंग

प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को पढ़ाई के बदले होंगी विभिन्न गतिविधियां

विभागीय मंत्री डा. रावत ने कार्यशाला में ‘गतिविधि पुस्तिका’ का किया विमोचन

देहरादून।  सूबे के सभी राजकीय एवं निजी विद्यालयों में इसी शैक्षणिक सत्र से बैगलेस-डे लागू कर दिया गया है। प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को यह दिवस मनाया जायेगा, जिसमें छात्र-छात्राएं बिना स्कूली बस्ते के अपने-अपने विद्यालय जायेंगे तथा पढ़ाई के बजाय अन्य सृजनात्मक गतिविधियों में प्रतिभाग करेंगे। इसके लिये विद्यालयी शिक्षा विभाग की ओर से एससीईआरटी द्वारा ‘गतिविधि पुस्तिका’ तैयार की गई है। जिसका कार्यशाला में विभागीय मंत्री सहित अन्य अतिथियों द्वारा विधिवत विमोचन किया गया।

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के सभागार में विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में बैगलेस-डे को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य में संचालित विभिन्न विद्यालयी बोर्डों के प्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारियों एवं निजी स्कूल संचालकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यशाला में नई शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसा के अनुरूप राज्यभर में संचालित सभी विद्यालयी शिक्षा बोर्डों के समस्त राजकीय एवं निजी विद्यालयों में इसी सत्र से बैगलेस-डे लागू किये जाने की घोषणा की। डॉ. रावत ने कहा कि प्रदेश में संचालित समस्त विद्यालयों में प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को बैगलेस-डे रहेगा। इस दिन छात्र-छात्राएं बिना बस्ते के स्कूल जायेंगे तथा पढ़ाई के बदले विभिन्न गतिविधियों में प्रतिभाग करेंगे।

उन्होंने बताया कि इस दिन मुख्यतः तीन प्रकार की गतिविधियां संचालित की जायेंगी, जिसमें जैविक, मशीनी व मानवीय गतिविधियां शामिल रहेंगी। इस संबंध में शिक्षा विभाग के अंतर्गत एससीईआरटी द्वारा ‘गतिविधि पुस्तिका’ तैयार की गई है जिसमें बैगलेस-डे पर संचालित गतिविधियों का विस्तृत विवरण दिया गया है। यह पुस्तिका सभी शिक्षा बोर्डो सीबीएसई, आईसीएसई, भारतीय शिक्षा बोर्ड, संस्कृत शिक्षा, मदरसा बोर्ड आदि को ई-फार्मेट सहित उपलब्ध करा दी जायेगी। इसके इतर सभी बोर्ड इस दिवस पर अपने-अपने विद्यालयों में अन्य बेहतर गतिविधियों का भी संचालन कर सकते हैं। इस व्यवस्था को प्रदेश भर में कड़ाई से लागू करने के लिये ब्लॉक स्तर पर खण्ड शिक्षा अधिकार, जिला स्तर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी व राज्य स्तर पर महानिदेशक शिक्षा नोडल अधिकारी रहेंगे।

विभागीय मंत्री ने कहा कि सभी नोडल अधिकारी बैगलेस-डे पर अपने-अपने क्षेत्र में विद्यालयों का औचक निरीक्षण भी करेंगे। इससे पहले विभागीय मंत्री डॉ रावत ने विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं के लिये विभिन्न गतिविधियों पर आयोजित पर प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। जिसमें उन्होंने छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार किये गये विभिन्न मॉडलों की खूब सराहना की।

कार्यशाला में निजी एवं राजकीय विद्यालयों में बस्ते का बोझ कम करने पर भी चर्चा की गई। जिसको आगामी जुलाई माह से लागू करने पर सहमति बनी। विशेषकर सीबीएसई एवं आईसीएसई के स्कूल संचालकों को इस व्यवस्था को लागू करने के लिये आपस में विचार-विमर्श कर ठोस निर्णय लेने को कहा। कार्यशाला में सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक गैरोला, सीबीएसई बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. मनोज, निजी विद्यालय संगठन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप एवं राकेश ऑबराय ने बैगलेस-डे को छात्रहित में बताते हुये विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के प्रयासों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा नई शिक्षा नीति-2020 के तहत छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिये पढ़ाई के साथ-साथ सृजनात्मक गतिविधियां का संचालन अतिआवश्यक है, जो बैगलेस-डे के दिन सुगमता के साथ संचालित की जा सकती है।

कार्यशाला में विभागीय सचिव रविनाथ रमन, सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक गैरोला, मिशन निदेशक एनएचएम स्वाती एस भदौरिया, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा झरना कमठान, निदेशक मुकुल सती, अपर निदेशक गढ़वाल कंचन देवराड़ी, अपर निदेशक एससीईआरटी पदमेन्द्र सकलानी, एपीडी समग्र शिक्षा कुलदीप गैरोला, विभिन्न बोर्डों के अधिकारी एवं प्रतिनिधि, सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं उपखण्ड अधिकारियों के साथ ही निजी विद्यालयों के संचालक एवं प्रधानाचार्य उपस्थित रहे।

शिक्षा विभाग के तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक स्वाती एस भदौरिया द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत राज्यभर के विद्यालयों में संचालित स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एनएचएम के तहत बाल आरोग्य पोर्टल तैयार किया गया है, जिसमें प्रत्येक छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनका हेल्थ रिकॉर्ड दर्ज किया जायेगा। जिसको लॉगइन शिक्षा विभाग के जनपद स्तरीय अधिकारियों व महानिदेशक विद्यालय शिक्षा को दिया जायेगा। जो जरूरत पड़ने पर प्रत्येक छात्र-छात्राओं का हेल्थ रिकॉर्ड देख सकता है।

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिये 148 टीमों का गठन किया गया है, जो कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत विद्यालयों में जाकर छा़त्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण व परामर्श के साथ ही उपचार के लिये निर्धारित चिकित्सालयों में भेजने की भी संस्तुति करेंगे। विद्यालय में हेल्थ टीम के आने की सूचना भ्रमण से पूर्व पोर्टल पर अपलोड कर दी जाती है। इस टीम के चिकित्साधिकारी, फार्मासिस्ट, नर्सिंग स्टॉफ व पैरामेडिकल स्टॉफ मौजूद रहता है। उन्होंने कहा कि सभी विभागीय अधिकारी इस संबंध में अपने-अपने विद्यालयों के प्राचार्यों को सूचित करायेंगे।

]]> https://ctnews.in/bagless-day-will-be-implemented-in-all-the-schools-of-the-state-from-this-session-dr-dhan-singh-rawat/feed/ 0 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और चौराहे पर खड़ी उसकी विचारधारा…..! https://ctnews.in/indian-national-congress-and-its-ideology-standing-at-the-crossroads/ https://ctnews.in/indian-national-congress-and-its-ideology-standing-at-the-crossroads/#respond Thu, 24 Apr 2025 12:26:08 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=42709

मथुरा। आतंकवादियों द्वारा जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले ने पूरे देश को जहां स्तब्ध कर दिया है वहीं दूसरी तरफ 135 साल पुरानी पार्टी कांग्रेस अभी भी है यह फैसला नहीं कर पा रही है कि उसे इस नाजुक मौके पर केंद्र की सत्ता के साथ खड़ा होना है या अभी भी उसे विरोध करना है।इसमें शहीद बेकसूर पर्यटकों के अंतिम द्रश्य देखकर पूरा देश रो रहा है. आतंकवादियो और उनके सरपरस्तों को सजा देने के लिए पूरा देश एकजुट दिखाई पड़ रहा है।

भारत सरकार का आक्रोश और गंभीरता उनके एक्शन में दिखाई पड़ रही है. अभी तक तो आतंकवादियों और साजिशकर्ताओं के खिलाफ एक्शन को लेकर राजनीतिक सहमति भी बनती दिख रही है. धर्म के नाम पर बेगुनाहों की हत्या के अधर्म को भी राजनीति अपने धर्म के मुताबिक देख रही है। कांग्रेस ने आतंकवादी घटना पर भारत सरकार के साथ खड़े होने का संदेश देने के साथ ही कार्यसमिति ने पारित प्रस्ताव में खुफिया विफलताओं और सुरक्षा चूक पर सवाल खडे़ करना शुरू कर दिए हैं।

इसमें कहा गया है..“यह अत्यंत चौंकाने वाली बात है कि भारतीय जनता पार्टी इस गंभीर त्रासदी का दुरुपयोग अपने आधिकारिक और परोक्ष सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से और अधिक वेमनस्य, अविश्वास, ध्रुवीकरण और विभाजन फैलाने के लिए कर रही है.जबकि इस समय सबसे अधिक आवश्यकता एकता और एकजुटता की है।’’ कांग्रेस अपने प्रस्ताव में मारे गए हिंदू पर्यटकों के साथ ही उनकी रक्षा करते हुए शहीद एक गैर हिंदू का उल्लेख कर वोट बैंक की राजनीति को पोषित करने का प्रयास किया है. खुशी की बात यह है कि कांग्रेस ने स्पष्टता के साथ यह माना है कि इस कायराना और सुनियोजित आतंकी हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई. हमारे गणराज्य के मूल्य पर सीधा हमला है. हिंदू नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाना पूरे देश में भावनाएं भड़काने की एक सोची समझी साजिश है।

कांग्रेस प्रस्ताव में अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा और जम्मू कश्मीर के लोगों की आजीविका की रक्षा करने की भी मांग भी उठा रही है.
पहलगाम की आतंकवादी घटना काफी लंबे समय के बाद भारतीय आत्मा पर हमले के रूप में सामने आई है. पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से भारत काफी पहले से ग्रस्त रहा है. जम्मू-कश्मीर तो आजादी के बाद से ही आतंकवादी घटनाओं से ग्रसित रहा है. भारत के अनेक हिस्सों में आतंकवादी घटनाएं होती रही हैं।

मुंबई में 26-11 की घटना कांग्रेस की सरकार के समय घटित हुई थी. उस घटना का साजिशकर्ता तह्ब्बुर राणा का प्रत्यर्पण करा भारत लाने में वर्तमान सरकार अब जाकर सफल हुई है. विपक्षी पार्टी के रूप में आतंकवादी घटना के लिए खुफिया विफलता और सुरक्षा चूक पर सवाल उठाना असामान्य बात नहीं कही जाएगी, लेकिन कांग्रेस के लिए यह बात सामान्य भी नहीं मानी जा सकती। कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है, जिसने आतंकवादी घटनाओं में अपने पुरखों को गंवाया है. शहादत दी है. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या तो प्रधानमंत्री आवास में ही कर दी गई थी. कांग्रेस अगर खुफिया विफलता और सुरक्षा चूक की बात उठाती है तो उसे इंदिरा गांधी की हत्या के कारणों पर भी चिंतन-मनन जरूर करना चाहिए।

इसी तरह से राजीव गांधी की भी बम विस्फोट में हत्या हुई थी. इसमें भी क्या कांग्रेस खुफिया विफलता और सुरक्षा चूक को बड़ा कारण मानती है. आतंकवादी और अपराधिक घटनाएं एक साजिश के तहत की जाती हैं. दुनिया का कोई भी देश नहीं है जिसमें खुफिया एजेंसी और सुरक्षा व्यवस्था इतनी पुख्ता हो कि उनको रोका जा सके. अमेरिका में 9-11 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले को भी खुफिया एजेंसी की विफलता और सुरक्षा चूक के रूप में देखा जा सकता है. अमेरिका तो दुनिया का सबसे ताकतवर देश माना जाता है. इसी प्रकार इजराइल में हमास के आतंकियों ने हमला किया तो क्या उसे साजिश के रूप में देखा जाएगा या यह भी सुरक्षा चूक के रूप में देखा जाए.
राजनीति करने के लिए अवसरों की कमी नहीं है. भारतीय आत्मा की लाश पर राजनीति की मंशा स्वस्थ मस्तिष्क की उपज तो नहीं हो सकती।

भारत पर आतंकवादियों का यह इतना बड़ा हमला है कि, इस पर कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय विपक्ष का स्टैंड एक लाइन के प्रस्ताव में सामने आना चाहिए था कि, आतंकवादियों और साजिशकर्ताओं को सज़ा देने के लिए उसका भारत सरकार को बिना शर्त पूरा समर्थन है।
कांग्रेस जब सरकार से यह मांग करती है कि, जम्मू कश्मीर के लोगों की आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए तो उसे यह भी सुझाव देना चाहिए कि वह किस तरीके से की जा सकती है. जब इस राज्य की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आश्रित है. आतंकवादी हमले के कारण पर्यटन बर्बाद होने की पूरी संभावना है, तो फिर आजीविका की सुरक्षा के लिए सरकार कौन से स्पेसिफिक कदम उठा सकती है।

कांग्रेस कार्य समिति के प्रस्ताव में वही पुरानी राजनीति खेलने का प्रयास किया है, जो वोट बैंक और तुष्टिकरण के नाम अब तक खेलती रही है. सोशल मीडिया पर की जा रही बातों को कार्य समिति के प्रस्ताव में उल्लेखित करके कांग्रेस अपने इरादे ही जाहिर कर रही है.
आतंकवादियों ने अगर धर्म पूछ कर पर्यटकों को गोली मारने का अधर्म किया है तो क्या कांग्रेस पीड़ित लोगों द्वारा बताए गए, आतंकवादियों द्वारा धर्म की पहचान पूछने के तथ्य को साजिश मानती है।

कांग्रेस कार्य समिति के प्रस्ताव ने सर्वदलीय बैठक में उसकी भूमिका भी स्पष्ट कर दी है. आज देश का जो माहौल है उसमें कांग्रेस यह हिम्मत तो नहीं कर सकती कि, सरकार को सीधे कटघरे में खड़ा कर सके लेकिन राजनीति करने का अपना धर्म भी नहीं छोड़ सकती है.
विचारों की अपरिपक्वता, राष्ट्रीय मुद्दों पर भी राजनीति को प्राथमिकता, तुष्टिकरण, ध्रुवीकरण की दुविधाग्रस्तता ने कांग्रेस को घेर रखा है. आतंकवाद की त्रासदी की इस घटना में भी कांग्रेस का यही अंतरविरोध दिखाई पड़ रहा है।

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संस्कृत भाषा के माध्यम से युवाओं को रोजगार से जोड़ने की दिशा में विशेष प्रयास किये जाएं – मुख्यमंत्री धामी https://ctnews.in/special-efforts-should-be-made-to-connect-youth-with-employment-through-sanskrit-language-chief-minister-dhami/ https://ctnews.in/special-efforts-should-be-made-to-connect-youth-with-employment-through-sanskrit-language-chief-minister-dhami/#respond Thu, 24 Apr 2025 11:02:35 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=42703

देहरादून। संस्कृत भाषा के माध्यम से युवाओं को रोजगार से जोड़ने की दिशा में विशेष प्रयास किये जाएं। यज्ञ, कर्मकांड, वेद में सर्टिफिकेट कोर्स की व्यवस्था की जाए। संस्कृत का अध्ययन कर रहे बच्चों को 16 संस्कार के बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। पहले चरण में 100 बच्चों को और उसके बाद हर साल एक लक्ष्य निर्धारित कर युवाओं को 16 संस्कारों का प्रशिक्षण दिया जाए। संस्कृत के क्षेत्र में शिक्षण, लेखन एवं संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं संवर्द्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वालों को प्रत्येक वर्ष सम्मान राशि प्रदान कर सम्मानित किया जाए। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी की सामान्य समिति की 10वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड योग, आयुष, ऋषि-मुनियों और संस्कृत की भूमि रही है। राज्य की द्वितीय राजभाषा संस्कृत को राज्य में तेजी से बढ़ावा देने के लिए स्कूल और कॉलेज में संस्कृत में वाद-विवाद, निबंध लेखन, श्लोक प्रतियोगिताएं कराई जाए। संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए जनपदों में नोडल अधिकारी बनाये जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए की कि सभी कार्यालयों में नाम पट्टिका संस्कृत भाषा में भी हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए जिन राज्यों में अच्छा कार्य हुआ है, उन राज्यों की बैस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन कर, राज्य में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए कार्य किये जाएं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार संस्कृत को जोड़ने के लिए और प्रभावी प्रयास किये जाएं।

संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि अभी राज्य के प्रत्येक जनपद के एक गांव में कुल 13 गांवों को संस्कृत ग्राम बनाया जा रहा है। इसे चरणबद्ध तरीके से ब्लॉक स्तर तक विस्तारित किया जायेगा। उन्होंने राज्य में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत के छात्रों को छात्रवृत्ति योजना और पुजारियों को प्रोत्साहन योजना जैसी व्यवस्था बनाये जाने का सुझाव दिया। बैठक में समिति के सदस्यों ने सुझाव दिया कि प्रतियोगी परीक्षाओं में संस्कृत के प्रश्न जोड़े जाने चाहिए। संस्कृत में शोध को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

राज्य में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए बैठक में आगामी कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा हुई। संस्कृत को आम बोलचाल की भाषा बनाने के लिए 01 लाख लोगों को चरणबद्ध तरीके से ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से सरल संस्कृत सम्भाषण प्रशिक्षण दिया जायेगा। संस्कृत वेदों के अध्ययन की सुविधा के लिए वेद अध्ययन केन्द्र बनाये जायेंगे। संस्कृत के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले संस्कृत विद्यालयों को पुरस्कृत किया जायेगा। संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न समसामयिक विषयों पर लघु फिल्म बनाने के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। संस्कृत के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए देश -विदेश के विश्वविद्यालयों, संस्कृत अकादमी, संस्कृत संस्थानों द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों, गतिविधियों से सबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए राज्य में सम्मेलन किया जायेगा।

सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक कुमार ने राज्य में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए किये जा रहे कार्यों और आगामी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक के दौरान दो मिनट का मौन रखकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए कायराना आतंकी हमले में मारे गये निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, सचिव वी.षणमुगम, कलपति उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री, अपर सचिव ललित माहन रयाल एवं समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

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यह मोदी का सशक्त भारत है, करारा जवाब मिलेगा- महाराज https://ctnews.in/this-is-modis-strong-india-a-befitting-reply-will-be-given-maharaj/ https://ctnews.in/this-is-modis-strong-india-a-befitting-reply-will-be-given-maharaj/#respond Thu, 24 Apr 2025 09:14:31 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=42688

पर्यटकों की हत्या कायराना और जघन्य कृत्य

देहरादून। प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर बड़े आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह बहुत ही कायराना और जघन्य कृत्य है। मानवता पर एक काला धब्बा है। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों और उनके आकाओं को अब इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

महाराज ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सशक्त भारत है। इनको इस नरसंहार का ऐसा करारा जवाब दिया जाएगा कि वह फिर कभी भी इस प्रकार का दुस्साहस नहीं कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि धर्म पूछकर निरपराध पर्यटकों को गोली मारने वाले किसी भी मज़हब के पैरोकार नहीं हो सकते हैं। अब दुनिया को, देश को जागना होगा। आतंकी मानसिकता के पैरोकारों और उसके समर्थकों से सहानुभूति रखने वालों को बेनकाब करना होगा। हिंदू मां बहनों के सामने ही उनके सिंदूर उजाड़ने की जो क्रूर, कायराना और बर्बरता पूर्ण घटना हुई है उसकी भारी कीमत आतंकवादियों और उनके आकाओं को चुकानी पड़ेगी।

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मथुरा में 101 निरंकारी भक्तों ने किया उत्साहपूर्वक रक्तदान  https://ctnews.in/101-nirankari-devotees-enthusiastically-donated-blood-in-mathura/ https://ctnews.in/101-nirankari-devotees-enthusiastically-donated-blood-in-mathura/#respond Thu, 24 Apr 2025 09:10:43 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=42684

निरंकारी भक्तों ने निभाया मानव धर्म – सी एम ओ

मथुरा( सतीश मुखिया): अंजाने लोगों से खून का रिश्ता जोड़ने के लिए वह अलग अलग शहरों से आए मथुरा और पहुंच गए हाइवे नवादा स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन पर आयोजित रक्तदान शिविर में, जहां उन्होंने विपरीत मौसम तपती गर्मी की परवाह किए बगैर उत्साहपूर्वक मानवहित में स्वेच्छा से रक्तदान कर परोपकार की भावना को उजागर किया।

निरंकारी मीडिया सहायक किशोर स्वर्ण ने बताया कि सत्गुरू माता सुदीक्षा महाराज की प्रेरणा से आध्यात्मिक वातावरण में हुए रक्तदान शिविर में मथुरा जोन के सादाबाद, हाथरस, फरह, कोसीकलां आदि स्थानों से आए 155 निरंकारी सेवादार भक्तों ने नामांकन कराया, जबकि 101 भक्त ही रक्तदान कर सके। शिविर का उद्घाटन एडिशनल मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा संजीव यादव तथा दिल्ली से आए प्रसिद्ध साहित्यकार एवं निरंकारी पत्रिका एक नजर के सम्पादक श्री श्रीराम प्रजापति जी ने किया।

मुख्य अतिथि एडिशनल मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा संजीव यादव ने निरंकारी मिशन के रक्तदान शिविर की प्रशंसा करते हुए कहा कि रक्तदान सबसे बड़ा पुण्य का काम है, जो मानवहित में सबसे बड़ा परोपकार है। रक्त का कोई विकल्प नहीं है, इसलिए रक्तदान की जरूरत ज्यादा है। सत्गुरू की प्रेरणा पाकर निरंकारी भक्त जिस उत्साह के साथ रक्तदान कर रहे हैं, यह मानव धर्म ही तो निभा रहे हैं।

इस मौके पर दिल्ली से आए एक नजर के सम्पादक श्री श्रीराम प्रजापति  ने स्वयं रक्तदान करके रक्तदाताओं का उत्साहवर्धन किया, तदोपरांत मानव एकता दिवस सत्संग को सम्बोधित करते हुए श्रीराम प्रजापति  ने कहा कि रक्तदान करके हम किसी पर अहसान नहीं कर रहे, मानव होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि हम किसी के काम आए। उन्होंने बाबा हरदेव सिंह के दीवार रहित संसार के भाव को स्पष्ट करते हुए कहा कि दीवारों के बिना विश्व की परिकल्पना तभी साकार होगी जब मनों से गैरपन की दीवारें गिरेगी। मानव एकता के तहत रक्तदान करके हम उन लोगों से खून का रिश्ता जोड़ रहे हैं, जिंहें हम जानते तक नहीं है।

उन्होंने समाज के उत्थान के लिए बाबा गुरबचन सिंह जी द्वारा किए गए कल्याणकारी कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी शिक्षाओं को याद करने के साथ ही उन सिखलाईयों को आत्मसात भी करना होगा। शादी उत्सव में बाहरी दिखावे की बजाय सादगी के साथ विवाह आयोजन की आज जरूरत है, वहीं नशे से दूर रहने के संकल्प के साथ हम बाबा गुरबचन सिंह  को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आपसी प्यार और मिलवर्तन के साथ रहते हैं तो एकता प्रदर्शित होती है। धर्म के नाम पर हो रही हिंसक घटनाओं से सबक लेते हुए हमें सद्भाव और भाईचारे की ओर कदम बढ़ाने होंगे। सारी दुविधाओं को दूर करने का आसान तरीका यही है कि परमात्मा को अपने जीवन का आधार बनाएं। मन का नाता प्रभु के साथ बना रहे। सत्गुरू की शिक्षाओं को हुबहू अपनाने से जीवन में निखार आयेगा।

मथुरा के जोनल इंचार्ज एच के अरोड़ा ने बताया कि निरंकारी बाबा हरदेव सिंह के संदेश ‘रक्त नालियों में नहीं, नाड़ियों में बहे” को चरितार्थ करते हुए 1986 से अब तक 14 लाख 5 हजार से ज्यादा निरंकारी भक्त रक्तदान कर चुके है। भक्तों का यही उत्साह इस बार भी देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि सत्गुरू माता सुदीक्षा  महाराज के मार्गदर्शन में संत निरंकारी मिशन सदैव ही समाज कल्याण के लिए प्रयासरत है, मिशन एक ओर जहाँ सत्य के बोध द्वारा मानव जीवन को सभी प्रकार के भ्रमों से मुक्त कर रहा है, वहीं पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण एवं स्वच्छता अभियान के सक्रिय आयोजन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप आज विश्वभर में निरंकारी मिशन का सत्य, प्रेम एवं मानवता का संदेश जन-जन तक पहुँच रहा हैं।

निरंकारी सेवादल के क्षेत्रीय संचालक अजय यादव, सेवादल संचालक अशोक दयालु और शिक्षक योगेश कुमार के साथ समस्त सेवादल के सदस्य जहां व्यवस्थाओं में जुटे रहे, वहीं रक्तदान में भी आगे रहे। शिविर में मथुरा के महर्षि दयानंद सरस्वती जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक की डा. गीता सिंह के नेतृत्व में दस सदस्यीय स्टाफ टीम ने जांच के बाद लगभग 101 यूनिट रक्त संग्रहित किया। जिसमें परामर्शदाता शुशीला शर्मा भी शामिल रहे। रक्तदाताओं को प्रशस्ति पत्र भी दिए गए। मथुरा के जोनल इंचार्ज एच के अरोड़ा ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया।

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आईपीएल 2025– रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और राजस्थान रॉयल्स के बीच मुकाबला आज https://ctnews.in/ipl-2025-match-between-royal-challengers-bangalore-and-rajasthan-royals-today/ https://ctnews.in/ipl-2025-match-between-royal-challengers-bangalore-and-rajasthan-royals-today/#respond Thu, 24 Apr 2025 08:37:24 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=42672

नई दिल्ली।  इंडियन प्रीमियर लीग 2025 के 42वें मुकाबले में आज यानि गुरुवार को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और राजस्थान रॉयल्स के बीच भिड़ंत होगी। यह मैच बेंगलुरु के होम ग्राउंड एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जाएगा। आरसीबी इस सीजन अपने घर पर कोई मैच नहीं जीती है। पिछले मैच में आरसीबी ने पंजाब किंग्‍स को 7 विकेट से हराया। दूसरी ओर राजस्‍थान रॉयल्‍स अपने पिछले 5 मैच गंवा चुकी है। ऐसे में अब तक 2 मैच जीतने वाली राजस्‍थान टीम जीत की पटरी पर लौटना चाहेगी।

घरेलू मैदान पर खराब प्रदर्शन
आरसीबी ने देश के अन्य स्थानों पर अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन अपने घरेलू मैदान पर खराब प्रदर्शन के कारण उसको नुकसान हो रहा है। आरसीबी के बल्लेबाज अजीब तरह के दबाव में नजर आ रहे हैं, जबकि उसके गेंदबाज भी यहां की पिच से सामंजस्य नहीं बिठा पा रहे हैं। यहां की पिच धीमी है और आरसीबी के बल्लेबाज उस पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं।

वह इस दुविधा में नजर आते हैं कि संभलकर खेला जाए या फिर आक्रामक रवैया अपनाया जाए। इसका सबूत यहां टीम का स्कोर है। आरसीबी की टीम अभी तक यहां आठ विकेट पर 169 रन, सात विकेट पर 163 रन और नौ विकेट पर 95 रन (14 ओवर में) ही बना पाई है। अन्य स्थानों पर उन्होंने प्रति ओवर 9-10 रन बनाए हैं, लेकिन यहां यह दर गिरकर 7-8 रन प्रति ओवर हो गई है।

64 की औसत से रन बनाए हैं कोहली ने 

आरसीबी की बल्लेबाजी के मुख्य आधार विराट कोहली ने अभी तक इस सत्र में 64 की औसत से रन बनाए हैं लेकिन फिल सॉल्ट, देवदत्त पडिक्कल और कप्तान रजत पाटीदार से बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है। आरसीबी के गेंदबाज भी पिच से मदद मिलने के बावजूद उसका फायदा नहीं उठा पाए हैं। आरसीबी को अगर अपने घरेलू मैदान पर हार का सिलसिला तोड़ना है तो उसके गेंदबाजों को बेहतर प्रदर्शन करना होगा।

आरसीबी के विरुद्ध नहीं खेलेंगे सैमसन
राजस्थान रॉयल्स की भी अपनी समस्याएं हैं। कप्तान संजू सैमसन चोटिल होने के कारण इस मैच में नहीं खेल पाएंगे। उनकी अनुपस्थिति में रियान पराग कप्तानी करेंगे। रॉयल्स के अभी चार अंक हैं और वह अंक तालिका में आठवें स्थान पर है। राजस्थान के प्रमुख बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल, पराग, शिमरोन हेटमायर और नितीश राणा आठ मैचों में छह हार के बावजूद अच्छी फार्म में हैं और युवा वैभव सूर्यवंशी द्वारा की गई शुरुआत भी उत्साहजनक है।

लेकिन राजस्थान के गेंदबाजों ने अभी तक निराश किया है। वानिंदु हसरंगा (छह मैच में नौ विकेट) ने उसकी तरफ से अभी तक सर्वाधिक विकेट लिए हैं लेकिन श्रीलंकाई स्पिनर ने एक मैच में चार विकेट लिए हैं और बाकी में संघर्ष किया है। जोफ्रा आर्चर (आठ मैच, आठ विकेट), महेश तीक्ष्णा (आठ मैच, सात विकेट) और संदीप शर्मा (आठ मैच, छह विकेट) भी कुछ ऐसी ही कहानी पेश करते हैं।

कितने बजे से सुरु होगा मुकाबला?

मुकाबला भारतीय समयानुसार शाम 7:30 बजे शुरू होगा। टॉस इससे आधे घंटे पहले यानी शाम 7:00 बजे होगा।

कहाँ देख सकते हैं मुकाबला? 

मुकाबला स्टार स्पोर्ट्स के चैनलों पर देखा जा सकेगा। और मैच को ऑनलाइन जियोहॉटस्टार एप  पर देखा जा सकता है।

दोनों टीमे इस प्रकार है 

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु
रजत पाटीदार (कप्तान), फिल सॉल्ट, विराट कोहली, लियाम लिविंगस्टोन, जितेश शर्मा, टिम डेविड, क्रुणाल पांड्या, भुवनेश्वर कुमार, जोश हेजलवुड, सुयश शर्मा, यश दयाल, देवदत्त पडिक्कल, रसिख दार सलाम, मनोज भंडागे, जैकब बेथेल, स्वप्निल सिंह, लुंगी नगिदी, रोमारियो शेफर्ड, नुवान तुषारा, मोहित राठी, स्वास्तिक चिकारा, अभिनंदन सिंह।

राजस्थान रॉयल्स
रियान पराग (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, नितीश राणा, ध्रुव जुरेल, शिमरोन हेटमायर, वानिंदु हसरंगा, जोफ्रा आर्चर, महेश तीक्ष्णा, संदीप शर्मा, तुषार देशपांडे, शुभम दुबे, कुमार कार्तिकेय, युद्धवीर सिंह चरक, कुणाल सिंह राठौड़, आकाश मधवाल, फजलहक फारूकी, केवेना मफाका, अशोक शर्मा, वैभव सूर्यवंशी, संजू सैमसन।

 

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आतंकियों को और साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी – प्रधानमंत्री मोदी https://ctnews.in/terrorists-and-conspirators-will-get-punishment-bigger-than-they-imagined-pm-modi/ https://ctnews.in/terrorists-and-conspirators-will-get-punishment-bigger-than-they-imagined-pm-modi/#respond Thu, 24 Apr 2025 08:34:10 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=42678

प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार से आतंकियों को दिया सख्त संदेश 

देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का किया दुस्साहस – प्रधानमंत्री मोदी

आतंकियों को पृथ्वी के अंतिम छोर तक खदेड़ देंगे – प्रधानमंत्री

मधुबनी। पहलगाम में आतंकी हमले की घटना के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार से आतंकियों को सख्त संदेश दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में इस हमले की साजिश रचने वालों और इसे अंजाम देने वालों को चेताते हुए कहा कि उन्हें सजा मिलकर रहेगी। अब आतंकियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि  22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने मासूम देशवासियों को जिस बेरहमी से मारा है, उससे पूरा देश व्यथित है।

कोटि-कोटि देशवासी दुखी हैं। सभी पीड़ित परिवारों के इस दुख में पूरा देश उनके साथ खड़ा है। इन परिवारजनों का अभी इलाज चल रहा है। वे जल्द स्वस्थ हों, इसके लिए भी सरकार हर प्रयास कर रही है। इस आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने अपना भाई खोया, किसी ने अपना जीवनसाथी खोया। इनमें से कोई बांग्ला बोलता था, कोई कन्नड़ बोलता था, कोई मराठी, कोई गुजराती था, कोई यहां बिहार का लाल था। आज उन सभी की मृत्यु पर करगिल से कन्याकुमारी तक हमारा दुख और आक्रोश एक जैसा है।

यह हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं हुआ है, देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है। मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि जिन्होंने यह हमला किया है, उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। सजा मिलकर रहेगी। अब आतंकियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रहेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज बिहार की सरजमीं से मैं पूरी दुनिया से यह कहना चाहता हूं कि भारत इन लोगों की पहचान करेगा, उन्हें ढूंढेगा और हर आतंकी तथा उनकी मदद करने वालों को सजा देगा। हम उन्हें पृथ्वी के अंतिम छोर तक खदेड़ देंगे। भारत की आत्मा को आतंकवाद कभी नहीं तोड़ सकता। इंसाफ मिले, इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। इस दुनिया में जो भी इंसानियत के पक्ष में है, वह हमारे साथ है। इस वक्त दुनिया में जो हमारे साथ खड़ा है, हम उनके शुक्रगुजार हैं।

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महिला प्रधान बनी मुखौटा ,सत्ता सुख भोग रहे प्रधानपति, पुत्र और प्रतिनिधि https://ctnews.in/female-chief-becomes-a-mask-chiefs-husband-son-and-representative-are-enjoying-the-power/ https://ctnews.in/female-chief-becomes-a-mask-chiefs-husband-son-and-representative-are-enjoying-the-power/#respond Thu, 24 Apr 2025 08:20:59 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=42673

मथुरा। आज देश में पंचायती राज दिवस मनाया जा रहा है और वर्तमान सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री भारत के द्वारा महिलाओं की पंचायत में स्थिति को मजबूत करने हेतु 50% आरक्षण की व्यवस्था की गई है। उस समय के तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने 24 अप्रैल 2010 को पहला राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस घोषित किया और उन्होंने उल्लेख किया कि अगर पंचायती राज संस्थाओं ने ठीक से काम किया और स्थानीय लोगों ने विकास प्रक्रिया में भाग लिया, तो गरीबी, बुख मरी आदि खतरे का मुकाबला किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2015 को निर्वाचित प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए “सरपंच पति” ” प्रधानपति” की प्रथा को समाप्त करने का आह्वान किया, ताकि वे सत्ता में चुने जाने के बाद उनके कामों पर अनुचित प्रभाव ना डाल सकें लेकिन यह व्यवस्था अभी सिर्फ कागजों तक ही सीमित दिखाई पड़ती है क्योंकि अभी भी अधिकतर पंचायत में महिला प्रधान सिर्फ मुखौटा बनकर रह गई है और उनकी प्रधानी को उनके पति ,पुत्र , देवर और प्रतिनिधि चला रहे हैं। देश की 90 प्रतिशत महिला घर के कामों तक सीमित है और गाय भैंसों का दूध निकालना और गोबर डालना, खाना बनाना आदि कामों तक सीमित दिखाई पड़ रही है।

आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा मधुबनी, बिहार में उन पंचायत को पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। जिन पंचायतो ने अपने आप में बदलाव करके दिखाया है और क्षेत्र में अपनी नई पहचान बनाई है ।इसी कड़ी में समस्तीपुर जिले की मोतीपुर पंचायत जो कि एक महिला मुखिया के कारण सुर्खियों में है उनको प्रधानमंत्री द्वारा पुरस्कार से नवाजा जाएगा लेकिन यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश में ध्वस्त होती हुई दिखाई पड़ रही है क्योंकि अधिकतर पंचायत की कमान अप्रत्यक्ष रूप से महिला प्रधानों और उनके पुत्रों के हाथ में है । महिला सिर्फ घर के अंदर सीमित है। यह लोग पंचायत की कमान अपने हाथ में लेकर सत्ता सुख भोग रहे हैं और मलाई चाट रहै है और पंचायत का विकास जिस तरह से होना चाहिए था उसका विकास उस तरह से हो नहीं पा रहा है ।

अब ऐसे में इस प्रकार से तो महिला सशक्तिकरण हो नहीं सकता कि जन प्रतिनिधि बनने के बाद वह पंचायत का कोई काम ना करें और वह सामाजिक रूप से मजबूत हो जाए। महिला प्रधानों की स्थिति जानने हेतु हम लोगों ने प्रत्यक्ष रूप से ग्रामीण स्तर और पंचायत में जाकर इन लोगों से जानने की कोशिश की कि प्रधान बनने के बाद उनके जीवन स्तर में क्या बदलाव आया लेकिन जब इनके द्वारा खंड विकास अधिकारी , मथुरा के कार्यालय में जो फोन नंबर उपलब्ध कराए हैं उस पर संपर्क करने पर यह फोन उनके पति, पुत्र और अन्य प्रतिनिधि द्वारा ही उठाए गए जिस पर इन्हीं लोगों के द्वारा सही तरीके से जवाब न देने के कारण या टाल मटोल करने के कारण पंचायत की सही स्थिति सामने नहीं आ पाई। हमारी टीम ने कुछ पंचायत का दौरा किया और वहां की वास्तविक जमीन हकीकत जानने की कोशिश की।

केस:01
श्रीमती सावित्री देवी , ग्राम पंचायत: जुन सिटी की प्रधान है इनके नंबर पर संपर्क करने पर उनके पति से बात हुई और हमने कहा कि प्रधान जी हम आपसे मिलना चाहते हैं तब उन्होंने कहा कि मैं कहीं बाहर हूं, नहीं मिल सकता। जब गांव के ग्रामीणों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रधान द्वारा काम तो कराया गया है लेकिन उस तरह का काम नहीं कराया है जिस तरह से कराया जाना चाहिए ।अमृत सरोवर का काम अधूरा है और पानी की पाइपलाइन जगह-जगह टूटी हुई है। इनकी वार्षिक योजना के अनुसार उन्होंने गांव में लगभग 30 से 35 लाख लागत के सामुदायिक शौचालय बनाए हैं लेकिन मौके पर वह शौचालय हमको नजर नहीं आए और अमृत सरोवर योजना का बोर्ड शमशान स्थल स्थित कमरे में रखा पाया गया और तालाबों में खरपतवार खड़ी हुई मिली।

केस :02
श्रीमती शगुन कुमारी, ग्राम पंचायत : राल , जब उनको संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया और गांव के पंचायत भवन जाने पर वहां सावित्री देवी मिली जिन्होंने अपने आप को पंचायत सहायक बताया और कहां कि पंचायत का काम प्रधान का पुत्र देखता है हमने कहा कि आज पंचायत दिवस है इस पर वह बोली कि हां मुझे मालूम है ।हमारे पूछने पर आपको यह कब मालूम पड़ा तो उन्होंने कहा कि आज ही मालूम हुआ है कि पंचायत दिवस है और यहां आज मीटिंग होने वाली है जिसकी सूचना सचिव श्री रघुवीर सिंह द्वारा मुझे दी गई है। जब इसकी अध्यक्षता के बारे में पूछा तब उन्होंने कहा कि प्रधानी को तो हमने नहीं देखा है हमें यहां 10 महीने हो चुके हैं लेकिन उनका पुत्र और उनके पति ही पंचायत के कामों को करते हैं।यह एक बड़ी पंचायत है इसके अंतर्गत लगभग आठ नगले/ मजरे आते है।

यहां 5 से 6 सफाई कर्मचारी नियुक्त है लेकिन पंचायत में सफाई की व्यवस्था नगण्य है और नालियों से गंदगी निकल कर सड़क पर खुले आम बह रही है । इसी पंचायत के भाग नगला माली में प्राथमिक विद्यालय के प्रभारी और स्थित शिक्षकों से बात करने पर यह ज्ञात हुआ कि इस विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या बहुत कम है और उन्होंने कहा कि हमारी बराबर कोशिश है कि विद्यालय में बालक और बालिकाओं की संख्या बढ़ाई जाए ।इसके लिए हम लोग जी जान से मेहनत कर रहे हैं हमारे विद्यालय की बाउंड्री वॉल टूटी हुई है इसके लिए हमने प्रधान को कहा है लेकिन प्रधान की तरफ से कोई उत्तर नहीं आया है। हम चाहते हैं खंड विकास अधिकारी इस समस्या पर ध्यान दें और विद्यालय की टूटी फूटी दीवार को सही कराए जिससे कि बच्चो को चोट लगने से बचाया जा सके।

केस:03
श्रीमती ममता, ग्राम पंचायत: जैंत, इनके नंबर पर संपर्क करने पर उनसे बात नहीं हो पाई ।यह पंचायत राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या: 02 पर स्थित है यह एक बड़ी पंचायत है और यह पंचायत भी अन्य पंचायत की तरह ही पाई गई। जब खंड विकास अधिकारी, मथुरा को फोन किया तो उनका फोन आउट ऑफ कवरेज एरिया बताता रहा।अब सवाल यह होता है क्या इस तरह से इन महिला प्रधानों का सशक्तिकरण हो पाएगा।

एक तरफ को केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ,राज्य सरकार का पंचायती राज विभाग इन महिलाओं के उत्थान हेतु कार्यक्रम चला रहा है और ओमप्रकाश राजभर जो की पंचायती राज विभाग उत्तर प्रदेश के मंत्री हैं वह गरीब ,पिछड़े, दलित और वंचितों की महिलाओं के हक की लड़ाई लड़ रहे है वह इन महिला प्रधानों को उनका हक दिला कर रहेंगे लेकिन उनके पुत्र और पतियों द्वारा ही उनका सामाजिक , आर्थिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है। मान लीजिए किसी पंचायत में भ्रष्टाचार पाया जाता है तब जेल कौन जाएगा।पंचायत प्रधान जाएगा कि पंचायत प्रधान का पति , पुत्र या अन्य प्रतिनिधि जाएगा ।

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