NSE Scam: केंद्रीय जांच ब्यूरो को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण को-लोकेशन घोटाला मामले में रविवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को को-लोकेशन घोटाला मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) को सात दिनों की CBI कस्टडी में भेज दिया। वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली की एक अदालत ने एनएसई के पूर्व समूह संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम (Anand Subramanian) की सीबीआई हिरासत 9 मार्च तक बढ़ा दी है। उन्हें 25 फरवरी को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।
सीबीआई से मांगी भागवत गीता की काॅपी
इस बीच सीबीआई के सूत्रों ने बिजनेस टुडे टीवी को बताया है कि उनकी गिरफ्तारी के बाद रामकृष्ण ने भगवद गीता की एक कॉपी मांगी। सूत्रों का कहना है कि शुरुआती पूछताछ में वह चुप्पी साधे रहीं। उन्हें पूछताछ के दौरान एनएसई में अपने फैसलों को याद करने में भी दिक्कत हो थी और धोखाधड़ी के सबूत के साथ सामना करने पर उन्होंने ‘मेंटल ब्लॉक’ का हवाला दिया। हालांकि, एनएसई की पूर्व सीईओ ने सीबीआई को घूमा-फिरा कर जवाब दे रही थीं। हालांकि, काफी समय तक पूछताछ के बाद सीबीआई ने चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि गिरफ्तारी के तुरंत बाद रामकृष्ण को मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया गया था। बाद में उन्हें सीबीआई मुख्यालय में लॉकअप में रखा गया था। सूत्रों का कहना है कि सीबीआई ने लगातार तीन दिनों तक रामकृष्ण से पूछताछ की थी और उनके आवास पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने चित्रा रामकृष्ण से पूछताछ के दौरान केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से फोरेंसिक मनोवैज्ञानिकों की सेवाएं भी लीं।
आनंद सुब्रमण्यम हो चुके हैं गिरफ्तार
सीबीआई ने हाल ही में इस मामले में रामकृष्ण से पूछताछ की थी। आयकर विभाग ने पहले मुंबई और चेन्नई में रामकृष्ण से जुड़े विभिन्न परिसरों पर छापा मारा था। सीबीआई अदालत ने हाल ही में एनएसई समूह संचालन अधिकारी और रामकृष्ण के सलाहकार आनंद सुब्रमण्यम को सीबीआई हिरासत में भेजा था। उन्हें सीबीआई ने चेन्नई से गिरफ्तार किया था। माना जा रहा है कि इन 2 गिरफ्तारियों के बाद इस मामले में कुछ अहम खुलासे हो सकते हैं। बता दें कि देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में अनियमितताओं के ताजा खुलासे के बीच को-लोकेशन घोटाले से संबंधित मामले में गिरफ्तारी की गई थी, जिसके लिए मई 2018 में शुरुआती रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
क्या है को-लोकेशन का मामला?
NSE को-लोकेशन स्कैम में कुछ चुनिंदा ब्रोकर्स को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया था। शेयर खरीद-बिक्री के केंद्र देश के प्रमुख नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कुछ ब्रोकरों को ऐसी सुविधा दे दी गई थी, जिससे उन्हें बाकी के मुकाबले शेयरों की कीमतों की जानकारी कुछ पहले मिल जाती थी। इसका लाभ उठाकर वे भारी मुनाफा कमा रहे थे। इसकी जांच में सामने आया था कि OPG सिक्योरिटीज नामक ब्रोकरेज फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए उसे को-लोकेशन फैसिलिटीज का एक्सेस दिया गया था। इस फैसिलिटी में मौजूद ब्रोकर्स को बाकियों की तुलना में कुछ समय पहले ही सारा डेटा मिल जाता है।
CBI ने अपनी जांच में कहा है कि आनंद सुब्रमण्यम का अपॉइंटमेंट चित्रा रामकृष्णन ने करवाया था। सेबी ने चित्रा रामकृष्ण और अन्य पर सुब्रमण्यम को मुख्य स्ट्रेजिक एडवाइजर के रूप में अपाइंट करने और ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर और MD के एडवाइजर के रूप में उनके पदोन्नति में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था।
कौन हैं चित्रा रामकृष्ण और आनंद सुब्रमण्यम? (Who is chitra ramkrishna and anand subramanian?)
चित्रा रामकृष्ण साल 2013 से लेकर 2016 तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की सीईओ और एमडी रहीं। 2013 में उन्हें सीईओ पद सौंप दिया गया। हालांकि, 2016 में उन्हें पद के गलत इस्तेमाल और एक घोटाले से नाम जुड़ने के बाद एनएसई से निकाल दिया गया था। चित्रा पर आरोप हैं कि उन्होंने अपने कार्यकाम के दौरान कई ऐसे फैसले लिए, जो कि शेयर बाजार के हित से नहीं जुड़ा था। इनमें एक फैसला था आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति का, जिनके लिए चित्रा ने एनएसई में अधिकारी स्तर का पद तैयार किया था। साथ ही चित्रा ने अपने कार्यकाल के दौरान हर बार आनंद सुब्रमण्यम को प्रमोशन दिया। आनंद सुब्रमण्यम एनएसई में शामिल होने से पहले बामर एंड लॉरी नाम की एक कंपनी में काम करते थे। जहां उनकी सैलरी केवल 15 लाख रुपये सालाना थी और शेयर बाजार और उससे संबंधित काम का कोई अनुभव नहीं था। बावजूद आंनद सुब्रमण्यम को 1.68 करोड़ रुपये का सैलरी पैकेज दिया गया।