उत्तराखंड , धारचूला :-
धारचूला विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हरीश धामी ने कहा कि जिस पार्टी में सम्मान नहीं, उसे छोड़ भी सकते हैं और अपना अलग दल भी बना सकते हैं। हमने कांग्रेस की स्थिति देख ली। जिस पार्टी में हमने अपना सबकुछ लगाया, उसने हमें नीचा दिखाने का काम किया। धामी के इस बयान से कांग्रेस में हड़कंप मचा है। बकौल धामी, पार्टी के कई वरिष्ठ विधायक देहरादून में बैठकर आगे की रणनीति पर विचार करेंगे।
धामी ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर भी हमला बोला और उन पर गुटबाजी करने का आरोप लगाया और कांग्रेस आलाकमान पर भी जमकर हमला बोला। बुधवार को धामी देहरादून पहुंचे थे। उनके साथ पार्टी के कई और विधायकों के भी राजधानी पहुंचने की चर्चा है। वे देहरादून में किसी स्थान पर मंत्रणा करेंगे। इस मंत्रणा के पीछे उनकी नाराजगी मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि वे कांग्रेस आलाकमान के नेता प्रतिपक्ष, प्रदेश अध्यक्ष और उप नेता के चयन को लेकर नाखुश हैं।
साथ ही इस बात से खफा हैं कि नई लीडरशिप तय करने में उनकी राय नहीं ली गई। इस मसले पर धामी ने मीडियाकर्मियों से खुलकर बातचीत की। वे प्रभारी के उस बयान से क्षुब्ध दिखे, जिसमें उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष, प्रदेश अध्यक्ष व उप नेता का चुनाव मेरिट के आधार पर किया गया है। धामी ने कहा कि पार्टी में तीन-तीन बार का चुनाव जीते कई विधायक हैं, लेकिन उनकी अनदेखी कर दी गई।
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पर जमकर बरसे विधायक धामी
कांग्रेस छोड़ने और नई पार्टी बनाने का संकेत दे चुके धारचूला विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हरीश धामी कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर जमकर बरसे। उन्होंने कांग्रेस आलाकमान के फैसले पर सवाल उठाए। कहा कि ऐसे व्यक्ति को प्रदेश कांग्रेस का प्रभारी बना दिया गया जो खुद अपने चुनाव में अपनी जमानत नहीं बचा पाया। समीक्षा की जिम्मेदारी उस व्यक्ति को दी गई, जिसने सारी मलाई खा ली। हाईकमान को गलत फीडबैक दिया गया। धामी ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर गणेश गोदियाल को काम नहीं करने दिया गया। प्रभारी खुद ही अध्यक्ष की तरह काम करते रहे। उन्होंने पार्टी का नेतृत्व किया। जिम्मेदार भी वही व्यक्ति है। जब गणेश गोदियाल से इस्तीफा लिया गया तो प्रभारी से इस्तीफा क्यों नहीं लिया गया। धामी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के झंडे-डंडे कांग्रेस भवन में सड़ते रहे, लेकिन उनकी विधानसभा में नहीं भेजे गए। चाटुकारों को सबकुछ दिया गया। हमने चाटुकारिता नहीं की, इसलिए हमारी अनदेखी हुई।
करन माहरा का फोन आता तो उन्हें भी बधाई देता
धामी ने कहा कि उनको यशपाल आर्य या करन माहरा से कोई शिकवा नहीं है। यशपाल आर्य ने उन्हें फोन किया, उन्होंने उन्हें बधाई दी। करन माहरा का फोन आता तो उन्हें भी बधाई देता। कहा कि मैंने करन माहरा को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के लिए लड़ाई लड़ी। उनके लिए माता समान इंदिरा हृदयेश का विरोध किया। धामी ने कहा कि वह तीन बार के विधायक हैं। 2014 में हरीश रावत के अस्वस्थ होने पर उनके लिए धारचूला की सीट छोड़ी और उन्हें चुनाव जितवाया। पार्टी के लिए हमने अपना सबकुछ लगाया, लेकिन हमें नीचा दिखाने का काम हुआ। विधायकों व पूर्व विधायकों को संगठन में उपाध्यक्ष, महासचिव बनाया गया और मुझे नीचा दिखाने के लिए 116वें स्थान पर प्रदेश सचिव का दायित्व दिया गया।
क्षेत्र के विकास के लिए सीट भी छोड़ दूंगा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए धारचूला सीट खाली करने के सवाल पर हरीश धामी ने कहा कि उनकी इस बारे में अभी कोई बात नहीं हुई है लेकिन ऐसी कोई बात होगी तो वह क्षेत्र की जनता से बात करेंगे। क्षेत्र के विकास के लिए उन्हें सीट छोड़नी पड़ेगी तो वह सीट भी छोड़ देंगे।
आप विधायक बन गए, खुदा नहीं बन गए : करन माहरा
कांग्रेस की बागडोर हाथों में आने के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के तेवर तल्ख हैं। पार्टी में विघटन की आशंकाओं से जुड़े सवाल पर माहरा ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है लेकिन उनका मानना है कि चुनाव में पार्टी की विचारधारा, पार्टी के काम, कार्यकर्ताओं की मेहनत से जीत मिलती है। जब कोई चुना जाता है तो उसकी जिम्मेदारी है कि वह उस विचारधारा और कार्यकर्ता की भावना की रक्षा करे। यदि भाजपा से जीतकर कांग्रेस में चला जाऊं तो यह उन लोगों के साथ छल होगा जिन्होंने विचारधारा को वोट किया था। उन्होंने कहा कि विधायक बन गए तो आप खुदा नहीं बन गए। वहीं पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि अगर किसी को भी कुछ भी गलत लगता है तो उसे सोशल मीडिया या मीडिया में प्रतिक्रिया देने के स्थान पर पार्टी फोरम पर बात करनी चाहिए।