New Delhi,
पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल (एलजी) नजीब जंग, पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लै समेत सौ से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ‘नफरत की राजनीति’ पर चिंता जताई है। पत्र में पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह, और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रधान सचिव टी.के. ए. नायर के हस्ताक्षर भी हैं।
पूर्व शीर्ष अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री ‘नफरत की राजनीति’ को समाप्त करने का आह्वान करेंगे। पत्र के अनुसार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नियंत्रण वाली सरकारों में कथित तौर पर इस पर ‘कठोरता से जोर’ दिया जा रहा है। पूर्व नौकरशाहों ने एक खुले पत्र में कहा, हम देश में नफरत से भरी तबाही का उन्माद देख रहे हैं, जहां बलि की वेदी पर न केवल मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्य हैं, बल्कि संविधान भी है।
पत्र में कहा गया है कि पूर्व लोक सेवकों के रूप में, हम आम तौर पर खुद को इतने तीखे शब्दों में व्यक्त नहीं करना चाहते हैं, लेकिन जिस तेज गति से हमारे पूर्वजों द्वारा तैयार संवैधानिक इमारत को नष्ट किया जा रहा है, वह हमें बोलने और अपना गुस्सा तथा पीड़ा व्यक्त करने के लिए मजबूर करता है।
पीएम मोदी की कोरोना पर अहम बैठक बुधवार को
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में कोविड-19 की उभरती स्थिति पर बुधवार को अहम बैठक करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए होने वाली इस बैठक में देश में कोरोना के हालात पर चर्चा होगी। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण मामले पर एक प्रेजेंटेशन भी देंगे। यह बैठक ऐसे वक्त हो रही है, जब देश में कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं।