…………….भारत निर्वाचन आयोग की ओर से कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव रैलियों, जनसभाओं और रोड शो पर आगामी 22 जनवरी तक रोक लगा दी गई है। माना जा रहा है कि यह रोक आगे भी जारी रह सकती है। इसको देखते हुए राजनीतिक दलों ने भी अब अपनी रणनीति में बदलाव करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस पार्टी ने इसके लिए युद्ध स्तर पर पुख्ता तैयारी शुरू कर दी है। मतदाताओं तक पहुंच बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी डिजिटल वार रूम तैयार कर रही है। इसके लिए देहरादून और हल्द्वानी में सेटअप लगाया जा रहा है। इनका काम अंतिम चरण में है। इसके साथ ही पांच संसदीय क्षेत्रों में पांच कंट्रोल रूम अलग से बनाए जा रहे हैं, जो पूरी तरह से टेक्नोलॉजी से लैस होंगे।
गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र के मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए दो डिजिटल स्टूडियो अलग से तैयार किए जा रहे हैं। इनमें से एक स्टूडियो देहरादून तो दूसरा हल्द्वानी में होगा। इसके अलावा 70 विधानसभा सीटों के लिए विधानसभा वार कंट्रोल रूम स्थापित किए जा रहे हैं। डिजिटल वार रूम के संचालन के लिए पीसीसी के अलावा एआईसीसी के पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
एआईसीसी में यह टीम संभालेगी डिजिटल मीडिया वार रूम की कमान
– मेघालय से तालुक रखने वाली एआईसीसी की राष्ट्रीय सचिव जरिता लैफ्टलांग को कुमाऊं की जिम्मेदारी दी गई है।
– दिल्ली से तालुक रखने वाली एआईसीसी महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव आकांक्षा औला को अल्मोड़ा की जिम्मेदारी दी गई है।
– बिहार से तालुक रखने वाले एआईसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय उपाध्याय को श्रीनगर की जिम्मेदारी दी गई है।
पीसीसी में यह टीम संभालेगी कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी
हरीश रावत अब तक कर चुके हैं 13 डिजिटल सभाएं
अपनी करीब पांच दशक की राजनीतिक यात्रा में चुनाव में वर्चुअल संवाद पहला अनुभव है, लेकिन लोगों की बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। पार्टी बड़े पैमाने पर वर्चुअल संवाद को आगे बढ़ाने जा रही है। इसके लिए एआईसीसी और पीसीसी के स्तर पर व्यापक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। आने वाले दिनों में प्रदेश स्तरीय दूसरे नेताओं के अलावा केंद्रीय नेता भी मतदाताओं के साथ वर्चुअल संवाद स्थापित करेंगे।
– हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष