पाकिस्तान में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से 1975 में लागू किए गए आपातकाल जैसी पाबंदिया लगाने की अफवाहों ने जोर पकड़ लिया है। पाकिस्तान के प्रमुख विपक्षी दल इन अफवाहों के पीछे किसी सुनियोजित मुहिम की आशंका जता रहे हैं। पाकिस्तानी अखबार डान ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) को संदेह है कि वास्तविक मुद्दों और अपनी विफलता से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सत्ताधारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ऐसी अफवाहों को फैलाने की साजिश रच रही है।
पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने विपक्षी दलों की इन आशंकाओं को खारिज कर दिया। फवाद चौधरी (Fawad Chaudhry) ने इन अफवाहों को पाकिस्तान में प्रचलित फर्जी समाचार संस्कृति का एक हिस्सा करार दिया है। गौर करने वाली बात यह है कि इन अफवाहों के बीच संयुक्त विपक्ष के सदस्यों ने बुधवार को नेशनल असेंबली सचिवालय (National Assembly Secretariat) को एक प्रस्ताव दिया। इस प्रस्ताव में सन 1973 के संविधान में प्रदान किए गए संघीय संसदीय प्रणाली को बनाए रखने के साथ साथ इसे मजबूती दिए जाने का संकल्प व्यक्त किया गया था।