मथुरा। भगवान श्री कृष्ण की नगरी मथुरा वृंदावन में सैकड़ों की संख्या में बिना लाइसेंस के बिरयानी/हैदराबादी बिरयानी” के नाम से तथा हैदराबादी नॉनवेज बिरयानी दुकानें संचालित हो रही हैं, जो खाद्य सुरक्षा नियमों का खुला उल्लंघन कर रही हैं। इन दुकानों पर खाद्य विभाग का वरदहस्त है और अधिकारी आंख मूंदकर यह सब देख रहे हैं या कहीं मिठाई रूपी प्रसाद मिलने के कारण चुप हैं।ये दुकानें राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या: 02 महेश्वरी चौराहे से आगे,राधेश्याम कॉलोनी,सुखदेव नगर ,भरतपुर गेट आदि जैसे प्रमुख स्थानों पर धड़ल्ले से चल रही हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, इन दुकानों में निम्न गुणवत्ता वाले मसाले, तेल और अन्य सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है । अवैध दुकानों का जाल गंभीर बीमारियों को न्योता दे रहा है और स्वच्छता के नाम पर एक धोखा है।
नियमों की अनदेखी
इन दुकानों में बिरयानी तैयार करने के लिए चावल, जानवर का मांस, प्याज, मसाले और बाजारू तेल का उपयोग होता है, लेकिन खाद्य सामग्री की गुणवत्ता और स्वच्छता की कोई जांच नहीं की जाती। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इनमें से अधिकांश दुकानों के पास खाद्य विभाग से वैध लाइसेंस नहीं है। कर्मचारी बिना ग्लव्स और ड्रेस कोड के भोजन तैयार करते हैं, जिससे स्वच्छता मानकों का उल्लंघन हो रहा है। यह स्थिति डायरिया, गैस्ट्रिक समस्याओं और अन्य बीमारियों का कारण बन सकती है।कम कीमत का लालच,गुणवत्ता पर सवाल।ये दुकानें अन्य रेस्टोरेंट्स की तुलना में बेहद कम कीमत पर बिरयानी बेचती हैं, जिससे आम लोग आकर्षित होते हैं।
हालांकि, इतनी कम लागत में गुणवत्ता वाली नॉनवेज बिरयानी उपलब्ध कराना संदेहास्पद है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज में दावा किया गया है कि इन दुकानों में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मिश्रण और अवयवों का उपयोग हो रहा है। यह स्थिति जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ को दर्शाती है। खाद्य विभाग और जिला प्रशासन की चुप्पी।स्थानीय लोगों ने खाद्य विभाग को इन अवैध दुकानों की शिकायतें की हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
खाद्य विभाग की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या विभाग इन दुकानों के संचालन में किसी तरह का सहयोग कर रहा है? जिला प्रशासन की उदासीनता ने लोगों के बीच आक्रोश पैदा किया है, जो अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।नागरिकों और प्रशासन की जिम्मेदारी।स्थानीय नागरिकों से अपील है कि वे ऐसी अवैध दुकानों से सावधान रहें और खाद्य विभाग को ऐसी गतिविधियों की सूचना दें। विशेषज्ञों का कहना है कि खुले में बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं, खासकर जब स्वच्छता नियमों का पालन न हो। खाद्य विभाग और जिला प्रशासन को तत्काल इन दुकानों के लाइसेंस, सामग्री की गुणवत्ता और स्वच्छता मानकों की जांच करनी चाहिए। बिना लाइसेंस वाली दुकानों को बंद करने के साथ-साथ ग्लव्स, ड्रेस कोड और स्वच्छता नियमों का सख्ती से पालन करवाया जाना चाहिए।
निष्कर्ष मथुरा में बिना लाइसेंस के चल रही नॉनवेज बिरयानी दुकानें खाद्य सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने के साथ-साथ जनता के स्वास्थ्य के लिए खतरा बनी हुई हैं। जिला प्रशासन और खाद्य विभाग को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच और कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। स्वच्छ और सुरक्षित खाद्य सामग्री हर नागरिक का अधिकार है, और इसकी रक्षा के लिए प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।