देहरादून।
चार धाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार के फैसले को उत्तराखंड कांग्रेस की गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी एवं प्रदेश प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने गलत बताया।
दसोनी ने कहा की सरकार का निर्णय आदि काल से चली आ रही चार धामों की परंपराओं के साथ खिलवाड़ करने की भारतीय जनता पार्टी की कुत्सित मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा चार धाम यात्रा को गैर हिंदुओं के लिए प्रतिबंधित करने का सरकार का फैसला विभाजन कारी फैसला है। दसौनी ने कहा कि भारत देश की विश्व में अपनी एक अलग पहचान है, हमारा देश सर्वधर्म समभाव, वसुधैव कुटुंबकम ,सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया का संदेश देने वाला देश रहा है, लेकिन आज इस देश की सामाजिक समरसता और ताने-बाने के साथ खिलवाड़ करने का पुरजोर प्रयास किया जा रहा है। गरिमा ने कहा की संकुचित और संकीर्ण मानसिकता के हैं वह लोग जो चार धाम यात्रा को सीमित कर देना चाहते हैं ।जिससे एक तरफ उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन को एक बड़ा धक्का पहुंचेगा वहीं दूसरी ओर राज्य को होने वाली आय भी घटेगी।
दसोनी ने कहा कि मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश का मुखिया होता है वह प्रदेश में रहने वाले हर धर्म हर जाति हर वर्ग हर समुदाय के लोगों का संरक्षक होता है ।ऐसे में किसी एक धर्म जाति या समुदाय की बात करना मुख्यमंत्री को कतई शोभा नहीं देता।
दसोनी ने कहा कि चार धामों की यात्रा के दौरान कोई अप्रिय घटना ना घटित हो यह देखना शासन प्रशासन का काम है, कानून व्यवस्था सुद्रढ़ हो और एक सुरक्षित उत्तराखंड का संदेश जाए यह जरूरी है परंतु अराजकता एवं विगत वर्ष की छुटपुट घटनाओं की आड़ लेकर सरकार सालों से चली आ रही परंपरा के साथ छेड़छाड़ कर रही है ।दसोनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों के आने से पहले भी चार धाम यात्रा सुचारू रूप से चला करती थी फिर आज देश में इस तरह का माहौल क्यों उत्पन्न किया जा रहा है जिसमें यह बताने और दर्शाने की कोशिश की जा रही है कि हिंदू धर्म और हिंदू धर्म स्थलों को बाकी धर्म और समुदाय के लोगों से खतरा है?