Bangladesh – CT News https://ctnews.in News Portal Wed, 04 Dec 2024 09:08:40 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://ctnews.in/wp-content/uploads/2024/07/cropped-CT_NEWS_LOGO-32x32.png Bangladesh – CT News https://ctnews.in 32 32 बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर अमेरिकी सांसद ने उठाए सवाल, अंतरिम सरकार से की जिम्मेदारी लेने की अपील https://ctnews.in/us-mp-raises-questions-on-the-safety-of-hindu-minorities-in-bangladesh-appeals-to-interim-government-to-take-responsibility/ https://ctnews.in/us-mp-raises-questions-on-the-safety-of-hindu-minorities-in-bangladesh-appeals-to-interim-government-to-take-responsibility/#respond Wed, 04 Dec 2024 09:08:40 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=32265

ढाका। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। कट्टरपंथी संगठनों द्वारा हिंदुओं पर अत्याचार और उनके मंदिरों को ध्वस्त करने की घटनाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है। इस बीच, अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमन ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने की अपील की है।

कांग्रेस सदस्य ब्रैड शेरमन ने मंगलवार को एक बयान में कहा, “बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का यह पूर्ण दायित्व है कि वह अपने हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा करें।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह हजारों अल्पसंख्यक हिंदुओं के विरोध प्रदर्शनों का सार्थक समाधान निकाले।

हिंसा के कृत्यों को खत्म करना चाहिए
शेरमन ने आगे कहा कि वह बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पतन के समय और उसके बाद हुए हिंसक दंगों के दौरान हुई हत्याओं और अन्य मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच की मांग का समर्थन करते हैं। यह मांग बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क द्वारा की गई है। शेरमन ने कहा कि वर्तमान प्रशासन को हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा को खत्म करने के लिए मजबूत कदम उठाने चाहिए।

व्हाइट हाउस के बाहर की गई रैली आयोजित
अमेरिकी हिंदुओं ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग करते हुए व्हाइट हाउस के बाहर एक रैली आयोजित की। इस रैली में पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की भी मांग की गई थी।

भारत ने भी जताई चिंता
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के मुद्दे पर भारत ने भी चिंता जताई है। लोकसभा में लिखित प्रश्नों के जवाब में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ढाका में भारतीय उच्चायोग इस मामले पर बारीकी से नजर रख रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी वहां की अंतरिम सरकार की है।

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बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते अत्याचार, आरएसएस ने चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की मांग की https://ctnews.in/increasing-atrocities-on-hindus-in-bangladesh-rss-demands-release-of-chinmay-krishna-das/ https://ctnews.in/increasing-atrocities-on-hindus-in-bangladesh-rss-demands-release-of-chinmay-krishna-das/#respond Sat, 30 Nov 2024 12:35:09 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=31902

नई दिल्ली: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सख्त रुख अपनाते हुए बांग्लादेश सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। संघ ने हिंदू आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई और हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर रोक लगाने की अपील की है।

आरएसएस का कड़ा रुख
आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने एक बयान में कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले, हत्या, लूट, आगजनी और महिलाओं पर अमानवीय अत्याचार बेहद चिंताजनक हैं। यह घटनाएं बांग्लादेश के हिंदुओं को खत्म करने का प्रयास लगती हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इसकी कड़ी निंदा करता है।”

होसबोले ने आगे कहा कि बांग्लादेश सरकार और अन्य एजेंसियां इन हमलों को रोकने के बजाय मूकदर्शक बनी हुई हैं।

चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की मांग
आरएसएस ने बांग्लादेश के इस्कॉन संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को अन्यायपूर्ण करार दिया। दास को हाल ही में ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। वह चटगांव जा रहे थे। होसबोले ने कहा,

“शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले हिंदुओं का नेतृत्व कर रहे चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार करना बांग्लादेश सरकार का अन्याय है। उन्हें तुरंत जेल से रिहा किया जाए।”

भारत सरकार और वैश्विक समुदाय से अपील
आरएसएस महासचिव ने भारत सरकार से बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के प्रयास जारी रखने की अपील की। उन्होंने कहा,

“भारत, वैश्विक समुदाय और अन्य संस्थानों को बांग्लादेश के पीड़ित हिंदुओं के साथ खड़ा होना चाहिए। यह वैश्विक शांति और भाईचारे के लिए आवश्यक है।”

बांग्लादेश में बढ़ते हमले
बांग्लादेश में हाल के दिनों में हिंदू समुदाय पर इस्लामी कट्टरपंथियों के हमले बढ़े हैं। इनमें हत्याएं, लूट, आगजनी, और महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनाएं शामिल हैं। चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने इन घटनाओं को और विवादित बना दिया है।

आरएसएस का संदेश
आरएसएस ने साफ कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार तत्काल बंद होना चाहिए और चिन्मय कृष्ण दास को बिना शर्त रिहा किया जाए। उन्होंने इस मुद्दे पर भारत और वैश्विक समुदाय से सक्रिय कदम उठाने की मांग की।

“बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रहे हमले न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं, बल्कि यह सभ्यता और शांति के लिए खतरा हैं।”

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बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की स्थिति खराब, मंदिरों पर हमले तेज https://ctnews.in/situation-of-hindu-minorities-worsens-in-bangladesh-attacks-on-temples-intensify-2/ https://ctnews.in/situation-of-hindu-minorities-worsens-in-bangladesh-attacks-on-temples-intensify-2/#respond Sat, 30 Nov 2024 09:29:12 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=31874

ढाका। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। मोहम्मद युनूस की सरकार के सत्ता में आने के चार महीने बाद से कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों के हौसले बुलंद हो गए हैं। शेख हसीना सरकार द्वारा बैन किए गए कई कट्टरपंथी समूहों ने अब हिंदू समुदाय और उनके पूजा स्थलों के खिलाफ आक्रामक रुख अपना लिया है, जिससे धार्मिक तनाव बढ़ गया है।

मंदिरों पर लगातार हमले
हाल के दिनों में ढाका और अन्य इलाकों में हिंदू मंदिरों पर हमले तेज हो गए हैं। कट्टरपंथी संगठनों ने लोकनाथ मंदिर, मनसा माता मंदिर और हजारी लेन स्थित काली माता मंदिर पर हमला किया। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद इन संगठनों ने दो और मंदिरों – राधा गोविंदा मंदिर और शांतनेश्वरी मंदिर – को निशाना बनाया। इन हमलों ने हिंदू समुदाय को गहरे भय में डाल दिया है और धार्मिक सहिष्णुता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कट्टरपंथियों का बढ़ा प्रभाव
शेख हसीना की सरकार द्वारा जिन कट्टरपंथी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया था, वे अब पहले से ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। हिंदू समुदाय के लोग आरोप लगा रहे हैं कि नई सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर उदासीन है, जिससे कट्टरपंथी ताकतों का मनोबल और बढ़ गया है। यह स्थिति बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए चिंता का कारण बन चुकी है।

अल्पसंख्यक समुदाय में भय का माहौल
लगातार हो रहे हमलों ने हिंदू समुदाय में भय और असुरक्षा का माहौल बना दिया है। पूजा स्थलों पर हो रहे हमलों से न केवल धार्मिक स्वतंत्रता, बल्कि सामाजिक सहिष्णुता पर भी गंभीर असर पड़ रहा है। स्थानीय हिंदू संगठनों ने सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है ताकि इन हमलों पर काबू पाया जा सके और अल्पसंख्यकों को सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

सरकार की चुप्पी पर सवाल
मोहम्मद युनूस सरकार ने इन घटनाओं पर अब तक कोई कड़ा कदम नहीं उठाया है, जिसे लेकर हिंदू संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि सरकार की चुप्पी से कट्टरपंथी तत्वों के हौसले और बढ़े हैं, और यह स्थिति बांग्लादेश में शांति और धार्मिक सहिष्णुता को खतरे में डाल सकती है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही आलोचना
इन हमलों के बाद, बांग्लादेश की नई सरकार पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ रहा है कि वह अपने देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। यदि यह स्थिति जल्दी काबू में नहीं आई, तो बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय छवि पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने की अपील की है, ताकि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय को सुरक्षा और सम्मान मिल सके।

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बांग्लादेश में ISKCON को लेकर बढ़ा तनाव, हाई कोर्ट ने बैन की याचिका पर सुनवाई की https://ctnews.in/tension-over-iskcon-increased-in-bangladesh-high-court-heard-the-petition-for-ban/ https://ctnews.in/tension-over-iskcon-increased-in-bangladesh-high-court-heard-the-petition-for-ban/#respond Thu, 28 Nov 2024 13:22:40 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=31693

बांग्लादेश: पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) को लेकर तनाव बढ़ गया है। इस संदर्भ में एक याचिका भी दायर की गई है, जिसमें इस्कॉन पर कट्टरपंथी संगठन होने का आरोप लगाया गया और कहा गया कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है। इस याचिका पर ढाका हाई कोर्ट ने गुरुवार (28 नवंबर) को सुनवाई की।

ढाका हाई कोर्ट का आदेश
ढाका हाई कोर्ट ने इस्कॉन की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए स्वतः संज्ञान लेने का आदेश देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने सूचित किया कि सरकार पहले ही आवश्यक कार्रवाई कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के वकील मोहम्मद मोनिर उद्दीन ने इस्कॉन की गतिविधियों से संबंधित कुछ मीडिया रिपोर्ट्स पेश की थीं और कोर्ट से चट्टोग्राम, रंगपुर और दिनाजपुर में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने और धारा 144 लागू करने का अनुरोध किया था।

सरकार की कार्रवाई पर रिपोर्ट
कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से इस्कॉन के संबंध में सरकार की कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने को कहा। अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने अदालत को सूचित किया कि वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की हत्या और इस्कॉन की गतिविधियों से संबंधित तीन मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अदालत ने सरकार से कानून-व्यवस्था बनाए रखने और बांग्लादेश के नागरिकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

याचिका में क्या था आरोप?
याचिका में इस्कॉन पर कट्टरपंथी संगठन होने का आरोप लगाया गया है। इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे का कारण और सांप्रदायिक अशांति फैलाने वाली गतिविधियों में शामिल बताया गया है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के साथ बढ़ती चिंताओं के बीच, इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है।

बांग्लादेश में तनाव का कारण
बांग्लादेश में तनाव का मुख्य कारण हाल ही में हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी है, जो बिना किसी गलती के गिरफ्तार किए गए थे। उनकी गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में तनाव बढ़ गया है। इसके बाद, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने ढाका हाई कोर्ट में इस्कॉन को “धार्मिक कट्टरपंथी” संगठन करार देते हुए उस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। हालांकि, बांग्लादेश सरकार ने इस्कॉन पर किसी प्रकार का बैन लगाने का कोई निर्णय नहीं लिया है।

निष्कर्ष
बांग्लादेश में ISKCON पर बढ़ते विवाद और उस पर लगाए जा रहे आरोपों के बीच ढाका हाई कोर्ट ने सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर संतोष व्यक्त किया है। सरकार ने पहले ही आवश्यक कार्रवाई की है, लेकिन इस मामले में और क्या कार्रवाई होती है, यह देखना अभी बाकी है। इस बीच, बांग्लादेश में धार्मिक और सांप्रदायिक तनाव को शांत करने के लिए और प्रयास किए जा रहे हैं।

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भारत ने बांग्लादेश में हिंदू धर्मगुरु की गिरफ्तारी पर जताई गहरी चिंता https://ctnews.in/india-expressed-deep-concern-over-the-arrest-of-hindu-religious-leader-in-bangladesh/ https://ctnews.in/india-expressed-deep-concern-over-the-arrest-of-hindu-religious-leader-in-bangladesh/#respond Tue, 26 Nov 2024 13:21:16 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=31481

नई दिल्ली। भारत ने मंगलवार को बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता और चटगांव के पुंडरीक धाम के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी और उन्हें जमानत न दिए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की। दास को सोमवार शाम ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच ने हिरासत में लिया था।

क्या है मामला?
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चिन्मय कृष्ण दास पर 31 अक्टूबर को दर्ज एक मामले के तहत आरोप लगाए गए हैं। मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव की अदालत में पेश किया गया, जहां उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई और उन्हें जेल भेज दिया गया।

ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने दास को चटगांव मेट्रोपॉलिटन पुलिस को सौंप दिया। उनकी गिरफ्तारी को लेकर भारत सरकार ने मंगलवार को अपनी प्रतिक्रिया दी।

भारत का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हम बांग्लादेश में हिंदू धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और उन्हें जमानत न दिए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। यह घटना बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे चरमपंथी हमलों की पृष्ठभूमि में बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”

बयान में कहा गया कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के घरों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और धार्मिक स्थलों पर हमले हो रहे हैं, लेकिन अपराधियों पर कार्रवाई के बजाय शांतिपूर्ण मांगें उठाने वालों को निशाना बनाया जा रहा है।

अल्पसंख्यकों पर हमले और भारत की अपील
भारत ने बांग्लादेश सरकार से अपील की है कि वह हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। इसमें शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार भी शामिल है।

बांग्लादेश की सरकार पर आरोप
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर हिंदू समुदाय पर अत्याचार के आरोप लग रहे हैं। मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ बांग्लादेश के हिंदू समुदाय के कई नेताओं ने आवाज उठाई है।

दास की गिरफ्तारी और उसके बाद के घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।

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