Uttar Pradesh – CT News https://ctnews.in News Portal Tue, 03 Dec 2024 12:20:03 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://ctnews.in/wp-content/uploads/2024/07/cropped-CT_NEWS_LOGO-32x32.png Uttar Pradesh – CT News https://ctnews.in 32 32 उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी का खतरा, 15 से 20 फीसदी तक महंगी हो सकती है बिजली https://ctnews.in/there-is-a-risk-of-increase-in-electricity-rates-in-uttar-pradesh-electricity-may-become-costlier-by-15-to-20-percent/ https://ctnews.in/there-is-a-risk-of-increase-in-electricity-rates-in-uttar-pradesh-electricity-may-become-costlier-by-15-to-20-percent/#respond Tue, 03 Dec 2024 12:20:03 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=32176

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली की दरों में बढ़ोतरी का एक बड़ा खतरा सामने आ सकता है। हाल ही में बिजली कंपनियों ने उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के सामने एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें कंपनियों के बड़े घाटे को लेकर चिंता जताई गई है। प्रस्ताव में यह बताया गया कि मौजूदा दरों के तहत कंपनियों को लगभग 13,000 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हो सकता है। हालांकि, इस समय कंपनियों ने दर बढ़ाने के लिए कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं दिया है, लेकिन अगर प्रस्ताव मंजूर किया जाता है तो बिजली दरें 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं।

कंपनियों के घाटे को ध्यान में रखते हुए, विद्युत आयोग अगले साल अप्रैल से दरों में 15 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करने पर विचार कर सकता है। यह बढ़ोतरी मार्च 2024 से पहले तय की जा सकती है। वर्तमान में बिजली की दरें 2019 से लागू हैं, और यह पहली बार है जब 5 सालों बाद इन दरों में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। कंपनियों ने एआरआर (वार्षिक राजस्व आवश्यकताएँ) प्रस्ताव आयोग को सौंपा है, जिसमें घाटे की भरपाई के लिए दरें बढ़ाने का उल्लेख किया गया है।

नई दरें कब से लागू हो सकती हैं?
प्रस्ताव में बिजली खरीदने की लागत 92 से 95 हजार करोड़ रुपये के बीच आंकी गई है, जबकि मौजूदा दरों के चलते कंपनियों को 12,800 से 13,000 करोड़ रुपये का घाटा होने का अनुमान है। इस घाटे को पूरा करने के लिए दरों में बढ़ोतरी की आवश्यकता बताई जा रही है। हालांकि, कंपनियों ने औपचारिक रूप से दर बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं दिया है। अब विद्युत आयोग खुद ही कंपनियों के घाटे का परीक्षण करेगा और इसके बाद दरें बढ़ाने का फैसला करेगा। एआरआर प्रस्ताव पर परीक्षण और आवश्यक बदलावों के बाद, आयोग को 120 दिनों के भीतर अंतिम निर्णय लेना होगा। यदि सबकुछ योजना के अनुसार चलता है, तो नई दरें 1 अप्रैल 2024 से लागू हो सकती हैं।

बिजली दरों में संभावित बढ़ोतरी के मद्देनजर, जानकारों का कहना है कि चूंकि यूपी में चुनाव का साल नहीं है, इस कारण सरकार बिजली की दरों में बढ़ोतरी को लेकर सहज हो सकती है।

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उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन, बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक https://ctnews.in/violent-protests-over-survey-of-shahi-jama-masjid-in-sambhal-district-of-uttar-pradesh-entry-of-outsiders-banned/ https://ctnews.in/violent-protests-over-survey-of-shahi-jama-masjid-in-sambhal-district-of-uttar-pradesh-entry-of-outsiders-banned/#respond Mon, 25 Nov 2024 09:46:15 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=31307

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ है। इस बवाल के बाद जिले में कई पाबंदियां लगा दी गई हैं। प्रशासन ने एक दिसंबर तक बाहरी व्यक्तियों के जिले में प्रवेश पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों के जिले में प्रवेश को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।

यह कदम प्रशासन ने हालात को काबू में करने के लिए उठाया है, क्योंकि हिंसा और पथराव के बाद कई गिरफ्तारियां की गई हैं और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। जानकारी के मुताबिक, उपद्रवियों के घरों से हथियार बरामद किए गए हैं और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है, जबकि 20 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

21 लोग गिरफ्तार, 30 थानों की पुलिस तैनात
पुलिस ने उपद्रवियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए रातभर छापेमारी की। अब तक दो महिलाओं समेत 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए संभल जिले में 30 थानों की पुलिस तैनात की गई है। इसके अलावा, इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है और सभी स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है।

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है।

सर्वे पर हुआ पथराव
यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब 23 नवंबर को शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने एक टीम पहुंची। इस दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने सर्वे टीम पर पथराव किया। मस्जिद के बाहर भीड़ जमा हो गई और विरोध प्रदर्शन तेज हो गए। अधिकारियों ने स्थिति को काबू में करने की कोशिश की, लेकिन उपद्रवियों ने पुलिस टीम पर भी पथराव किया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया।

कोर्ट ने दिया था सर्वे का आदेश
यह सर्वेक्षण हिंदू पक्ष द्वारा जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद किया गया था। अदालत ने इस दावे के आधार पर सर्वे करने का आदेश दिया था। 19 नवंबर को मस्जिद में पहला सर्वे हुआ था और 23 नवंबर को फिर से सर्वे करने के लिए टीम वहां पहुंची। इस सर्वे के लिए मस्जिद कमेटी ने भी अपनी सहमति दी थी, और दोनों पक्षों की मौजूदगी में सर्वे किया जा रहा था।

सर्वेक्षण क्यों हो रहा है?
यह सर्वेक्षण अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर याचिका के बाद किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर के स्थल पर खड़ी है। हिंदू पक्ष का आरोप है कि यह मस्जिद दरअसल हरिहर मंदिर है, और इसी दावे के आधार पर अदालत ने सर्वे के आदेश दिए थे।

इस हिंसक घटनाक्रम के बाद संभल जिले में प्रशासन की ओर से स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी ताकत झोंकी जा रही है।

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