उत्तराखंड
प्रदेश में बिजली कटौती से उद्योगों में हाहाकार मचा हुआ है। औद्योगिक क्षेत्रों में रात को 6 से 7 घंटे तक बिजली कट लगने से उद्योगों को 40 प्रतिशत तक उत्पादन का नुकसान हो रहा है। औद्योगिक संगठनों का कहना है कि सरकार और ऊर्जा विभाग की ओर से रोस्टिंग का कोई समय तय नहीं किया गया है, जिससे उद्योगों को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा है।
उन्होंने चेताया कि बिजली आपूर्ति का यही हाल रहा तो प्रदेश में निवेश करने के बजाय उद्योग पलायन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। उत्तराखंड इंडस्ट्रियल वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष सुनील उनियाल और महासचिव महेश शर्मा का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्रों में बिना रोस्टिंग समय तय किए रात्रि शिफ्ट में 6 से 7 घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है। मुख्यमंत्री के पास ऊर्जा विभाग है, इसके बावजूद भी रोस्टिंग का समय तय नहीं किया गया।
एसोसिएशन का कहना है कि ऊर्जा विभाग बिजली की मांग पूरी करने में असमर्थ है तो उद्योग को पहले बताया जाए कि किस दिन कितने घंटे बिजली कटौती रहेगी, जिससे उद्यमी उस दिन अपना उद्योग बंद रख सकें। कहा कि बिजली कटौती से उद्योगों को 40 प्रतिशत उत्पादन का नुकसान हो रहा है। बिजली आपूर्ति का यही हाल रहा तो उद्योगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। साथ ही प्रदेश में कोई भी निवेशक उद्योग नहीं लगाएगा।